शादी में मेरा चुत-फोडन

दोस्तो, मैं आसिफा आपके लिए अपनी सच्ची घटना के साथ हाजिर हूँ। मैं भोपाल में रहती हूँ। मेरे जिस्म के बारे में मैं आप को बता दूँ कि मैं थोड़ी मोटी हूँ, जिसकी वजह से मेरी गोल और उभरी हुई गांड के सब दीवाने हैं। मैंने काफी टाइम से अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर मस्त चुदाई की कहानियाँ पढ़ी है.. अब मैं अपनी एक कहानी शेयर कर रहा हूँ.. iss stories

मेरे मम्मे काफी बड़े-बड़े हैं, जिन्हें मैं कभी भी ब्रा में नहीं छुपाती..

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antarvasnasexstories.org par iss stories and chudai jaise mast antarvasna sex kahaniलेकिन मेरा रंग एकदम दूध की तरह गोरा है इसी वजह से मेरे बाल भी सुनहरे रंग के हैं।

मेरे घर में सब एकदम गोरे हैं मेरा फिगर 36-32-36 है।

अब मैं अपनी सच्ची घटना पर आती हूँ।

दो दिनों बाद चच्चा के बेटे की शादी थी..

जी हाँ.. वही चच्चा, जिसने मेरी अस्मत पहली बार ली थी और उनके उसी लड़के की शादी थी जिसने मुझे चोद-चोद कर मेरी चूत सुजा दी थी और जिसने मेरी बुर में चुदाई करते समय पाइप भी डाला था।

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उसके बाद भी उसने मुझे कई बार चोदा, लेकिन उससे ज्यादा तो उसका कमीना बाप आकर मेरी गांड सुजाता था।

क्योंकि उसके बेटे ने एक कोई रण्डी पाल रखी थी जो कई सालों से उसकी गर्ल-फ्रेंड थी और अब वो उसी से शादी कर रहा है।

शादी की वजह से अब्बू ने मुझसे कह रखा था कि मैं पूरा दिन वहीं पर रहूँ और काम में मदद करवाऊँ.. क्योंकि अब्बू और भाई दुकान की वजह से वक्त नहीं दे पा रहे थे।

तो मैं हर रोज नाश्ता बनाकर चच्चा के यहाँ ही चली जाती थी और उनके हरामी लड़कों की नजरों की हवस का शिकार बनती थी।

मुझे लगता था कि अभी मुझे यही पर नंगा करके.. सब मुझे चोदने लगेंगे।

मुझे कहीं भी अकेला पाकर आ जाते और मेरे मम्मे दबाने लगते और मेरी चूत और गांड में ऊँगली करने लगते और मेरी पैंटी में हाथ डालकर मुझे गरम करने लगते।

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लेकिन शादी का घर था तो कोई ना कोई आ ही जाता और मुझे उन हवस के भूखे कुत्तों से बचा ही लेता।

हल्दी के दिन चच्चा के लड़कों और दोस्तों ने मुझे पकड़ ही लिया…

और सबने अपनी पैंट उतार कर अपने लौड़ों पर हल्दी लगवाई और फिर मेरे मुँह में हल्दी डालकर अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया और कहने लगे- अब अच्छे से हल्दी मल..

उन सबने शराब पी हुई थी क्योंकि वो जब मुझे चुम्बन कर रहे थे तो शराब की बहुत तेज गंध आ रही थी।

फिर उन्होंने मेरे कपड़े फाड़ दिए और मेरी चूत में हल्दी डालकर ऊँगली करने लगे।

उस वक्त करीब 6 या 7 ऊँगलियां एक साथ मेरी चूत और गांड में अन्दर-बाहर हो रही थीं और मैं मदहोश होती जा रही थी।

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मेरी चूत का बहाव लगातार तेज होता जा रहा था। फिर वो एक-एक करके मेरी चूत में अपना मुँह लगाने लगे।

‘उउहह आहह.. प्लीज फक मी.. प्लीज फक मी.. मुझे चोदो प्लीज… अब सहा नहीं जाता.. अपने लंडों से मेरी चूत को फाड़ दो.. प्लीज फाड़ कर रख दो इसे आज..’

मेरे मुँह से ऐसे शब्द निकलने लगे..