दोस्त की गर्लफ्रेंड को भाया मेरा लंड – 2

मैंने पूछा- तो मेरे हाथ लगाने पर रोई क्यों थी?

तो वो बोली- तुम्हारी जगह अगर मेरा आदमी होता तो गाल पर एक चपत लगाता और बोलता कि साली ध्यान से नहीं चल सकती।

जब तुमने एकदम भाग कर मुझे सम्भाला तो मैं अपने को नहीं सम्भाल पाई और मेरे आँसू निकल गए.. प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो।

अब मेरी भी हँसी निकल गई और ये देख वो भी हँसने लगी और उसने मेरी तरफ़ और मैंने उसकी तरफ़ हाथ बढ़ा दिए और दोनों हँसते-हँसते एक-दूसरे के सीने से लग गए।

वो बोली- मुझे कभी किसी ने ऐसे प्यार से नहीं सहलाया था.. इसलिए बस मैं थोड़ा ऐसे हो गई थी।

मैंने कुछ नहीं कहा.. बस उसके होंठों पर एक पप्पी कर दी, तो वो शरमा कर मुझसे और लिपट गई और उसका गोरा चेहरा एकदम से लाल हो गया।

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फिर हम काफ़ी देर तक ऐसे ही एक-दूसरे तो लिपटे हुए सहलाते रहे।

फिर वो बोली- तुम बहुत अलग हो.. दूसरे मर्दों जैसे नहीं हो.. पर अब क्या मुझे पहल करनी पड़ेगी।

तो मेरी हँसी छूट गई.. वो नाराज़ होते हुए बोली- हटो तुम भी औरों की तरह मेरा मज़ाक बना रहे हो।

मैंने कुछ नहीं बोला.. बस उसे गोदी में लिया और पलंग पर आ गया और उसे चूमने लगा।

तो कामिनी बोली- पहले लाइट बन्द करो ना.. मुझे शर्म आ रही है।

मैंने कहा- अगर लाइट बन्द कर दी तो तुम्हारा ये प्यारा सा चेहरा कैसे देखूँगा।

वो बोली- हटो.. तुम बहुत गन्दे हो।

तो मैं एकदम से उसे छोड़ कर हट गया.. तो वो बोली- क्या हुआ?

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मैं बोला- तुमने ही तो बोला।

कामिनी ने एकदम से गुस्से वाला मुँह बनाया और मेरे ऊपर चढ़ गई।

‘अभी बताती हूँ कि मैंने क्या बोला और क्या नहीं.. अगर इतनी मेरी बात सुननी थी तो लाइट क्यों बन्द नहीं की.. अब तू देख मैं तेरी क्या हालत करती हूँ।’

ऐसा कहते ही उसने मेरी बनियान खींच कर उतार दी और मेरी घुंडियों पर जोर से काट लिया.. मेरी जोर की ‘आह’ निकल गई।

मैंने कहा- साली इतने जोर से क्यों काट रही है?

तो वो बोली- तू इतनी देर से मुझे तड़पा रहा है.. वो कुछ नहीं.. अभी तो तू देख.. मैं क्या-क्या करती हूँ।

आज मैं अपने सारे अरमान तेरे साथ पूरे करूँगी।

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मैंने पूछा- कौन से अरमान? तो वो बोली- तू चुपचाप देखता जा।

मैंने सोचा.. चलो इसे अपने दिल की भड़ास निकाल लेने दो।

फिर उसने मेरी घुंडियों को जोर-जोर से चूसना शुरु कर दिया और धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगी और मेरी दोनों घुंडियों को अपने दोनों हाथों की ऊँगली और अंगूठे से मलते-मलते जब मेरे बरमूडे के पास पहुँची..

तो एक मिनट के लिए उसने अपने हाथ नीचे किए और मेरा बरमूडा निकाल दिया।

मैंने चड्डी तो पहनी ही नहीं थी और उसकी हरकतों ने मेरा लन्ड सख्त कर दिया था तो बरमूडा निकालते ही वो सटाक से उसके मुँह पर लगा और वो ‘आऊऊऊउ’ करते हुए मुझे गुस्से से देखने लगी।

मैंने बोला- अरे मेरी क्या गलती है.. तुमने ही एकदम से निकाल दिया।

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वो बोली- मुझे क्या पता था कि तुमने चड्डी नहीं पहनी और ये भी धीरे से नहीं खड़ा हो सकता था?

ये कहते हुए उसने मेरे लन्ड को पकड़ कर मरोड़ दिया।

अब मेरी बारी थी ‘आऊऊऊऊउ’ करने की.. पर इससे पहले कि मैं कुछ कहता, उसने मेरे लन्ड पर पप्पी कर दी।

बोली- सॉरी.. अभी तो तुझसे बहुत काम है।

उसकी इस बात पर मेरी हँसी छूट गई और मैंने उसे खींच कर अपने से लिपटा लिया और एक ज़ोरदार पप्पी उसके होंठों पर कर दी।

थोड़ी देर तो हम ऐसे ही लिपटे हुए पप्पी करते रहे.. फिर मैंने उसके कुर्ते के अन्दर हाथ डाल कर उसका कुर्ता ऊपर करके निकाल दिया।

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कामिनी ने भी साथ दिया और आराम से हाथ ऊपर करके मुझे कुर्ता निकालने में मदद की।

कुर्ता निकालते ही उसने मुझे अपने से चिपका लिया और मेरा मुँह अपने सीने मे छिपा लिया।

मैं भी उसकी 38 साइज़ की चूचियों में मुँह घुसा कर उसे चूमने लगा।

चूमते-चूमते मैंने पीछे से उसकी ब्रा खोल दी।

जब मैं उसकी ब्रा निकालने के लिए उसे पीछे करने लगा.. तो उसने मुझे और कस कर पकड़ लिया और ‘ना’ में सर हिलाने लगी।

मैंने उसे आँखों से उसे पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोली- मुझे शर्म आती है।

मैंने मुस्कराते हुए उसका सर नीचे कर उसके होंठों पर पप्पी करनी शुरु कर दी।

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