दोस्तो, अन्तर्वासना और चुदाई की कहानी के मनचले श्रोताओँ का मैं हमारे वेबसाइट पर स्वागत करता हूँ.. पिछले भाग में मैंने बताया था कि कैसे मेरे दोस्त की सहेली के साथ मैंने मजे किए। उस कहानी में मैंने लिखा था कि जल्द ही आगे की कहानी लिखूँगा.. xxx chudai
उस दिन नहाने के बाद हम बात कर रहे थे तो उसने बोला- तुम बहुत प्यार से करते हो.. अगर मैं एक बात बोलूँ तो बुरा तो नहीं मानोगे।
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मैंने कहा- बोलो.. दोस्तों की बात का बुरा नहीं माना जाता।
उसने कहा- मेरी एक भाभी है और मैं चाहती हूँ कि तुम एक बार मेरी भाभी से मिलो।
मेरे पूछने पर बोली- मेरा भाई उसके साथ बहुत गन्दी तरह से प्यार करता है, इसलिए उसे मर्दों से नफरत हो गई है और वो बहुत उदास रहती है.. वो कहती है कि आदमियों को तो औरत.. बस अपना पानी निकालने के लिए चाहिए।
मैं उसे दिखाना चाहती हूँ कि सब मर्द एक जैसे नहीं होते।
तो मैंने कहा- मेरे मिलने से क्या होगा?
वो बोली- तुम उसे मेरे जैसे ही प्यार करना ताकि उसे कुछ सुकून मिले और उसका मर्दों के प्रति कुछ रवैया बदल जाए।
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मैंने हैरान होकर उससे पूछा- क्या वास्तव में तुम अपनी भाभी को मुझसे चुदवाना चाहती हो?
तो उसने ‘हाँ’ कहा।
कुछ और बातें करने के बाद मैंने उसे ‘हाँ’ कह दिया।
तो उसने एक जोरदार पप्पी मेरे गाल पर दी।
फिर वो अगले दिन मिलने का बोल कर मेरे दोस्त के कमरे पर चली गई।
अगले दिन शाम को सात बजे मेरे कमरे की घन्टी बजी.. मैंने दरवाज़ा खोला तो वो अपनी भाभी के साथ थी।
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मैंने उन्हें नमस्ते की और अन्दर आने को बोला और मैं एक तरफ़ हो गया।
मैंने आज तक कभी किसी का नाम नहीं लिखा है लेकिन क्योंकि अब दो जने हैं इसलिए मैं अपने दोस्त की सहेली का नाम नेहा और उसकी भाभी का नाम कामिनी लिख कर सम्बोधित करूँगा।
कामिनी अन्दर आई और इधर-उधर देखने लगी.. मैंने पूछा तो कहने लगी- कुछ नहीं.. बस ऐसे ही देख रही हूँ।
मैंने पूछा- चाय या काफ़ी.. क्या लेना पसन्द करोगी? तो वो ऐसे देखने लगी.. जैसे मैंने कोई अज़ीब बात कर दी हो।
मेरे पूछने पर नेहा बोली- हमारे घर पर कभी औरत को ऐसी इज्जत नहीं देता.. इसलिए भाभी चौंक गई हैं।
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खैर.. कुछ देर बातें और मज़ाक चलता रहा.. फिर कामिनी भी खुल कर बात करने लगी और मेरे मज़ाक पर हँसने भी लगी।
फिर वो नेहा से बोली- ये तो मुझे अच्छे आदमी लगे.. तुझे चाहिए तो तू अपने दोस्त के पास जा.. नेहा ने मज़े लेते हुए कहा- क्यों खुजली होने लगी क्या?
तो कामिनी बोली- वो तो मुझे तेरी खुजली की चिन्ता हो रही है।
नेहा ने हँसते हुए कामिनी की चूचियाँ दबा दी और बोली- सही है.. सही है..
तो कामिनी ने एकदम से तेवर बदल कर उसका हाथ घुमा कर उसकी चूचियाँ दबा दी और बोली- साली चली जा.. नहीं तो अभी तेरी खैर नहीं…
नेहा भी हँसते हुए दरवाजा खोल कर जाने लगी, पर एकदम घूम कर बोली- अच्छे से खुदाई करवा लेना..
और इससे पहले कि कामिनी कुछ कर पाती उसने दरवाज़ा बन्द कर दिया..
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लेकिन कामिनी अपने को रोक नहीं पाई और दरवाज़े से उसका सर लग गया।
मैं एकदम से खड़ा हो कर दरवाजे की तरफ़ लपका और कामिनी के सर को जहाँ पर उसका सर टकराया था.. पकड़ कर दबा दिया।
ऐसा करते ही कामिनी एकदम से मेरी तरफ़ देख कर रोने लगी.. मुझे लगा कि शायद उसे बुरा लग गया.. तो मैं एकदम से पीछे हट गया।
तो वो और जोर से रोने लग गई और मेरी तो फ़ट गई..
मैंने उसे ‘सॉरी’ बोला और कहा- तुम्हें चोट लग गई थी.. इसलिए मैंने तुम्हें छुआ और हाथ लगाया।
मेरी हालत देख कर वो चुप हो गई और बोली- कोई बात नहीं।
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