नमस्ते, मेरा नाम सविता है। मैं दिल्ली में रहती हूँ। ये मेरी सच्ची स्टोरी है। मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं। मेरा फिगर 36-26-36 है। मैं बहुत चुदासी हूँ। कॉलेज के समय में भी मेरे खूब सारे अफेयर हुए थे और मैं खूब चुदाई करती थी। real sex stories
शादी के बाद भी चूत की आग कम नहीं हुई थी, बल्कि और ज़्यादा बढ़ गई थी। पति के पास इतना वक्त ही नहीं था कि वो मेरी प्यास बुझा सकें। मेरे घर के पड़ोस में मेरी एक सहेली रहती है पूजा… उसका एक 18 साल का भाई है जो उसके साथ ही रहता है।
Real Sex Stories > मेरी गर्लफ्रेंड निशा
मैं पढ़ाई में अच्छी थी तो एक बार पूजा मेरे पास आई और बोलने लगी कि मैं उसके भाई को पढ़ा दूँ। मैं चुदाई की भूखी तो थी ही, मैंने सोचा उसे चुदाई के लिए पटा लूँगी जो कि मेरे लिए आसान था। तो मैंने ‘हाँ’ कर दिया। अगले दिन वो मेरे पास आया।
मैं घर मेंबहुत ही चुस्त कपड़े कैपरी या नाईटी वगैरह ही पहनती हूँ। मैंने उस समय एक बिना आस्तीन वाला एक टॉप और कैपरी पहनी हुई थी।
उस दिन मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी। मेरे टॉप में से आधे मम्मे बाहर निकल रहे थे और कैपरी लो-वेस्ट होने की वजह से मेरा गोरा पेट और नाभि भी चमक रही थी।
Real Sex Stories > नागपुर में मस्त भाभी
उसने मुझे देखा तो बस देखता ही रह गया। फिर हम पढ़ाई करने के लिए मेरे कमरे में आ गए। उसने अपनी किताब निकाली। मैंने उसे थोड़ी देर पढ़ाया, लेकिन उसका ध्यान पढ़ाई में नहीं बल्कि मेरे बड़े-बड़े मम्मों और गोरी-गोरी बांहों पर था। उसकी पैन्ट में तंबू बन चुका था और वो ही मुझे चाहिए था।
मैंने भी उसे खूब ध्यान से देखा। लगभग 6 इंच का लग रहा था। मैंने अपनी चुदास के चलते अपनी जीभ अपने होंठों पर फेर ली। फिर वो वापिस घर चला गया। मैंने सोचा अब अगले दिन कुछ तो करना ही है। अगले दिन कितनी चुदाई होगी… उसका कितना बड़ा लंड होगा.. वो कैसे चोदेगा.. ये सोचते हुए मैं चूत में ऊँगली करती रही।
अगले दिन वो आया तो मैं नहा रही थी। वो आया और सीधे कमरे में आ गया। मैं नंगी ही नहाती हूँ, उस दिन मैंने दरवाजा अन्दर से बंद नहीं किया था, वो चोदना तो चाहता ही था तो वो दरवाजे को हल्का सा खोल कर मुझे देखने लगा।
Real Sex Stories > शालिनी की देसी चुत
मैं तो चुदक्कड़ हूँ ही, मैं समझ गई कि मुर्गा फंस गया। अब मैंने उसे गरम करने के लिए कभी अपने मम्मे सहलाती… कभी चूत सहलाती… कभी अपनी गाण्ड सहलाती… मुँह से ‘आहें’ भी निकाल रही थी। उसने अपने हाथ पैन्ट के ऊपर से ही लंड पर रखा और सहलाने लगा। फिर वो वहाँ से हट गया।
मैं तौलिया लपेट कर बाहर आई, तौलिया मेरे आधे मम्मों से शुरू हो कर बस जाँघों तक ही था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! वो मुझे वासना भरी निगाहों से देखने लगा। मैं भी चुदना चाहती थी तो मैंने उससे कुछ नहीं कहा, अपनी गिरी हुई पैन्टी उठाने के लिए झुकी और उसे अपनी नंगी गाण्ड भी दिखा दी।
वो दूसरी तरफ घूम गया। मैं कपड़े पहनने लगी। आज मेरा साड़ी पहनने का मन था, तो कप वाली ब्रा और पैन्टी पहनी। पेटीकोट पहना, फिर ब्लाउज पहनने लगी। मैं बिना आस्तीन का गहरे गले और बैकलेस ब्लाउज ही पहनती हूँ।
Real Sex Stories > चुदाई के बाद वीर्यदान
ब्लाउज का पीछे का हुक नहीं लग रहा था, तो मैंने लगाने के लिए अंकित से बोला। वो मेरे पीछे खड़ा हो कर लगाने लगा। वो हुक लगाना ही चाहता था, उसका लंड मेरी गाण्ड को छू रहा था। मैं भी गाण्ड हिला कर लंड को रगड़ रही थी।
वो भी हुक लगाने के बहाने मेरी पीठ सहला रहा था। मैं तो चाहती ही थी, तो उसे कुछ नहीं कहा। अचानक वो गरम हो गया और वो मेरी गर्दन पर चूमने लगा, मेरे कंधों को चूमने लगा.. पीछे से हाथ डाल कर मेरे मम्मों पर रख कर दबाने लगा।
‘आहह…उम्म्म्म…’ मेरी सिसकारियाँ निकलने लगीं। उसने मेरा ब्लाउज उतार दिया… एक हाथ से मम्मों को दबाता और दूसरे हाथ को मेरे पेटीकोट में डाल कर मेरी चूत को सहला रहा था। ‘आह… उफफफ्फ़….और करो..अहह…’ उसने मेरी ब्रा भी उतार दी और मेरे सामने आ गया। मेरी सिसकारियाँ और बढ़ने लगीं।
Real Sex Stories > नेहा भाभी की चूत चुदाई
वो मेरे होंठ चूमने लगा, मुझे गोद में उठा कर बिस्तर पे लेटा दिया, कमर से ऊपर हर जगह चूमता और चूसता रहा। ‘आह.. ह…ह…मर गई…’ मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। वो मेरे चूचुकों को चूसने लगा।
‘आह्ह..और चूसो…हय…खा जाओ इन्हें.. उगफफफफ्फ़… उम्म्म्म… यस..’ मेरा पेटीकोट उतार दिया.. पैन्टी भी उतार दी। अब कोई जगह ऐसी न थी जहाँ उसने नहीं चूमा हो। फिर मुझे उल्टा लेटा कर पीठ पर चूमने लगा, वो पीछे से हाथ डाल कर मम्मों को दबा रहा था।
ओह्ह..क्या बताऊँ.. इतना मजा आ रहा था.. आहह… वो मेरी पीठ चाट रहा था, फिर थोड़ा नीचे आकर मेरी गाण्ड चाटने लगा… उफफफफ्फ़… मेरी चूत इतनी गीली हो गई कि कामरस की एक-दो बूँदें भी गिर रही थीं।
Real Sex Stories > मेरे लंड पर मैडम मेहरबान
उसने पलट कर एकदम से पूरा लंड मेरी चूत में पेल दिया। ‘आहह…’ 6 इंच लंबा 3 इंच मोटा लंड चूत में था… ‘आह…आह…’ मैं घोड़ी बनी थी और वो चोद रहा था। ‘चोदो…चोदो. और चोदो आहह…. अहह…फाड़ दो इस चूत को… उम्म्म्म…’ वो चोदते हुए मेरी गाण्ड सहलाता… मम्मों को दबाता।
मैं चिल्लाती रही- फक.. फक फक..आह… उसने मुझे फिर पलट दिया…मेरी चूत में पानी आ गया था। वो चूत चूसने लगा। ‘आहह….क्या मस्त चूत है ऊह्ह… सविता दीदी…मेरी जान…उम्म्म…उम्म्म्म…जितनी मस्त तुम हो उतनी ही तुम्हारी चूत भी..मस्त है।’
‘चाटो…और चूसो… उम्म्म्म…’ वो फिर से लंड चूत में डाल कर चोदने लगा। मैं सिसकारियाँ लेती हुई फिर झड़ गई। फिर इसी तरह मेरी हर शाम अंकित के साथ रंगीन होने लगी। यह मेरी पहली कहानी है लेकिन सच है।
Real Sex Stories > मैंने नौकरानी की चुत चाटी
आपको कैसे लगी, ज़रूर बताना। फिर मैं बताऊँगी कि कैसे मैंने अपने देवर को पटाया।