नेहा भाभी की चूत चुदाई

हैलो दोस्तो, मैं अक्सर अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर इंडियन चुदाई की कहानियाँ पढ़ने आता हु.. । मैं श्याम.. आपसे माफ़ी चाहूँगा कि मैं बहुत दिनों आप सब से दूर रहा.. इसका कारण था कि मैंने आर्थिक तंगी के कारण दुबई में एक कम्पनी में जॉब ज्वाइन कर लिया था। इस बार मैं आप सबके सामने एक नया अनुभव (chut ki chudai) ले कर आया हूँ, उम्मीद करता हूँ कि आपको पसन्द आएगा।

यह बात करीब तीन-चार महीने पहले की है।

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antarvasnasexstories.org par bhabhi ki chut ki chudai ki antarvasna sex kahaniमैं एक बहुमंजिला इमारत में रहता हूँ.. इधर एक कमरे में किराए पर रहता था।

उधर तीन परिवार और नीचे रहते थे.. और ऊपर भी तीन परिवार रहते थे।

जिनके साथ मेरी ये घटना हुई.. वो बगल के कमरे में रहती है..

हमारे कमरों के सामने एक बड़ी बालकनी भी थी।

हम सब एक परिवार की तरह रहते थे जब भी कोई त्यौहार होता.. तो हम सब इकठ्ठे ही मनाते थे।

मेरे साथ वाले कमरे में एक खूबसूरत भाभी रहती थी.. उसका नाम नेहा था।

वो बिहार से थी और उनके कोई बच्चा नहीं था।

उसका पति सुबह जल्दी काम पर चला जाता था और रात को देर से आता था।

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मैं उन्हें लोकाचारवश भाभी कहता हूँ। हम अकसर एक-दूसरे को देखा करते थे और मुस्कराते थे।

जब भी वो मेरे पास से गुजरती थी तो उसकी महक मुझे पागल बना देती थी।

मैं तो उसे कब से चोदना चाहता था.. मगर कैसे चोदूँ.. यह समझ नहीं आ रहा था।

वो मुझे जिन नज़रों से देखती थी उससे लगता था कि वो भी वही चाहती है.. जो मैं चाहता था।

एक दिन बातों-बातों में उसने मुझसे पूछा- तुम क्या करते हो?

मैंने बोला- मैं एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता हूँ।

उसके बाद मैं जब भी अपने कमरे पर आता-जाता.. वो मुझे अजीब नज़रों से देखती थी और मुस्कुराती थी।

मैं भी मुस्कुरा कर जवाब देता था।

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एक दिन की बात है.. मैं अपने कमरे में भाभी के नाम की मुठ मार रहा था..

मेरी नजर सामने बालकनी के तार पर कपड़े डाल रही भाभी पर पड़ी।

भाभी की साड़ी का पल्लू नीचे गिरा था और वो अपने काम में मस्त थी।

उसके ब्लाऊज़ से उसकी चूचियाँ दिख रही थीं।

यह इतना उत्तेजित कर देने वाला नज़ारा था कि चाह कर भी भाभी के उरोजों से नजर हटाने पर भी नहीं हटी।

मेरा दिमाग सोच रहा था कि कौन देख रहा है और मैं केवल देख ही तो रहा हूँ.. हाथ थोड़े ही लगा रहा हूँ।

मैं लगातार भाभी की उभरी हुई छातियाँ देख रहा था और इतना मजा आने लगा कि भाभी जाने कबसे मुझे और मेरी इस हालत को देख रही थी..

मुझे इस बात का पता ही ना चला।

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जब वो अपना पल्लू ठीक करके.. आगे बढ़ी.. तब मैं डर गया और अब मेरी फटने लगी।

खैर.. उस दिन तो कुछ नहीं हुआ.. अब वो मुझे अजीब नज़रों से देखती थी..

और एक दिन मुस्कुराते हुए उसने अपने कमरे पर बुलाया..

तो मैंने कहा- मैं शाम तक आ पाऊँगा।

शाम को जब मैं उसके कमरे पर पहुँचा तो वो मेरा ही इन्तजार कर रही थी।

उसने बताया- मेरे पति काम से बाहर गए हैं।

जब मैंने उससे पूछा- क्या बात है.. इतनी परेशान क्यों हो?

वो गुमसुम थी।

जब मैंने उससे पूछा- क्या बात है?

तो वो रोने लगी।

उसकी अपने पति से कुछ कहासुनी हो गई थी।

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जब मैंने उसे चुप होने के लिए कहा और कहा- चलो कहीं बाहर घूम कर आते हैं।

तो वो मुझसे लिपट गई।

मैंने उससे कहा- यह क्या कर रही हो?

तो वो बोली- मेरे पति मुझे खुश नहीं रख पाते।

मैं भी इतनी हसीन महिला को अपनी बाँहों में पहली बार लेकर बहक गया।

मैंने प्यार से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

वो भी बहक सी गई थी।

कुछ देर तो हम लोग ऐसे ही चूमाचाटी करते रहे।

कभी मैं उसके नीचे का होंठ चूसता तो कभी ऊपर वाला.. कभी मैं उसके गालों को.. तो कभी गले को चूमता।

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