महक की दुनिया

मामा: मुझे पता है ……

महक : क्या

मामा: आज तुम प्यासी ही सो गयी ……

महक: चलता है मामाजी ….. उससे जादा मामी की प्यास बुझाना जरुरी था

मामाजी ने महक के अधरों को चूमकर बोला “आ जा बेटी ….. तेरी प्यास मिटा दू …….

महक का दिल ख़ुशी से झूम उठा

पलंग पर मामाजी और सौम्या भी सोई पड़ी थी

मामाजी ने महक का हाथ पकड़ कर उसे उठाया और बाजूमे सोफे की ओर ले चले मामाजी ने महक को पीछे से आगोश में लिया और उसकी गर्दन चूमने लगे उनके हाथ महक की चुचाको से खेल रहे थे..

उन्होंने अपना एक हाथ महक की जालीदार निक्कर में घुसाया और उसकी चूत को हौले हौले मसलने लगे
मामाजी का हाथ अपने चूत से लगते ही महक मदमस्त हो उठी ….

महक ने अपनी बाहें उनके गले में पिरो दी और गर्दन पीछे झुका कर अपने प्यासे होठ उन्हें परोस दिए
मामाजी ने उसके रस भरे होठ अपने होठोके गिरफ्त में लिए और उन्हें चूसने लगे कुछ देर चले इस लिप लॉक के बाद महक ने हाथ पीछे कर मामाजी का लंड टटोला मामाजी का हथियार अपने पुरे शबाब पे था
उसकी गर्मी और कड़कपन का अहसास पा कर महक अपने आप को रोक ना सकी उसने मामाजी को सोफे पर धकेला और वो उनके आगे घुटनो के बल बैठ गयी…

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मामाजी के लंड के ऊपर का सुपाड़ा मोटा था

उनके लंड के मुँह से पानी जैसा चिपचिपा रस निकल रहा था

महकने उनकी आँखों में झाँका…..मामाजी उसकी हरकतों को गोर से देख रहे थे

महक: मामाजी मैं आपको इतनी खुशी देना चाहती हु जितनी किसीने भी नहीं दी होगी

और उसने अपनी जीभ पूरी बाहर निकाली और स्लो मोशन में अपने सिर को उनके लंड पर झुकाया
उसकी आँखें लगातार मामाजी के चेहरे पर टिकी हुई थी

महक ने अपनी जीभ उनके लंड के टिप पर लगायी और उससे निकलने वाले रस को चाट कर अपनी जीभ पर ले लिया

महक ने मामाजी के मुसल को चूमा

उसकी लम्बाई पर जुबान चाते हुए …उसने पूरा सुपाडा गपाक से मुह में भर लिया

मामाजी ने एक लम्बी आह भरी

महक खिलखिला कर हस पड़ी

फिर उसने अपना पूरा ध्यान अपने मनपसंद खिलौने पे लगाया

मामाजी का पूरा लंड मुह में ले कर चूसते चूसते वो उनकी गोटिया भी सहला रही थी

मामाजी के उस विकराल लंड से उसका पूरा मुह भरा था

मामाजी भी अब मस्ती में महक पे मुह को झटके मार मार के चोद रहे थे

मामाजी का लंड महक को अपने गले तक महसूस हो रहा था

मामाजी को जब ऐसा लगा की वो अब झड सकते है … तब उन्होंने महक को रोक दिया

फिर मामाजी सोफे पर ही पालथी मर के बेठे और महक को अपने खड़े लंड पे बिठाया

और उसे पूरी तरह जकड लिया ….

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महकने अपनी टाँगे और हाथोसे उन्हें जकड लिया था

मामाजी उसे अपनी बलिष्ट भुजाओं से हलके हलके उछल रहे थे

मामा: महक बेटा तेरी चूत में तो जन्नत का मज़ा मिलाता है ..

मामाजी का लंड बाहर निकल कर फिरसे अन्दर घुसता तो महक के मुँह से ‘आअहन्.. स्सस्सस्स ’सीत्कार निकलने लगती

महक की चूत पूरी तरह निया गई थी.. मामाजी का लंड और उसकी चूत इन दोनों के कामरस से उसकी चूत से चिपचिप तरल बाहर आ रहा था.. पर दोनों को सिर्फ महसूस हो रहा था.. दिखाई नहीं दे रहा था….

और इस आसन में दोनों के शारीर एकाकार हो चुके थे …..महक को ये चुदाई का ये आसन बहोत पसंद आ रहा था

मामाजी के बदन पर टी शर्ट थी …. जो मी महक और उनके बदन के आड़ आरही थी

महक ने उनकी वो टी शर्ट खिंचके निकल दी

अब दोनों के नंगे बदन एक दुसरे में घुस हाने की कोशिश में जान पड़ रहे थे

मामा जी के बदन से आती वो मर्दाना खुशबू महक को और भी दीवाना बना रही थी

मामाजी की भी हालत कुछ ऐसीही थी

महक ने अपनी रोयेदार बगले मामाजी की नाक पर लगते हुए उनकी बालो से भरपूर बगलों में अपनी नाक घुसा दी …..

और दोनों अपनी अपनी पसंदीदा खुशबू जी भर के सूंघने लगे

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उस जादुई खुशबू के असर से मामाजी का लंड अब तेजी से अन्दर बहार होने लगा था

मामाजी की इस तूफानी स्पीड से महक आहे भरने लगी उसकी आह्ह ….उई..माम्मा.. जरा धीरे..

मामाजी पर भी महक के बगलों की खुशबू का नशा तारी था …. वो उसी जोश में धक्के मारते मारते बडबडाने लगे

‘आहह्ह्ह.. महक बेटा .. क्या तेरी चूत है.. क्या तेरे मस्त लचकते चूतड़ हैं.. और हाय तेरी चूचियाँ.. तो मेरी जान ही ले रही हैं.. आहह्ह.. ले खा मेरे लौड़े को अपनी चूत में..

महक मदमस्त होगयी थी …. अब उसे खुल कर …ताबड़तोड़ चुदाई की दरकार थी

उसने मामाजी को पीछे की ओर धक्का दिया ….. मामाजी सोफे पर ही पसर गए

उन्होंने अपने टाँगे फैलाई ……..

अब महक उनके खड़े लंड पर बैठ कर सवारी करने लगी

मामाजी का लम्बा चौड़ा हथियार उसकी चूत की अन्दर तक घिसाई कर रहा था

उछालते उछालते वो मामाजी पे झुक कर उनके होठो को चूम भी रही थी

मामाजी ने महक की कमर कस के पड़ी थी ….उसे उछलने में मदद कर रहे थे

महक अब होश में नहीं थी …. वो खुलकर सिसक रही थी बडबडा रही थी

“ ओह्ह्ह्ह मामा….. बस ऐसे ही ….. चोदते रहो अपनी महक को स्स्स्सस्स्स्स हय्य्य्य

इस धुवाधार चुदाई में महक अबतक दो बार झड चुकी थी

थोड़ी देर बाद वो बडबडाने लगी “मामाजी …..ऊऊऊऽऽऽहहऽऽऽ………मै वापस झड़ने वाली हु …. आप भी मेरा साथ दो प्लीईऽऽऽज़,”

मामा: “हां बेटे ……. तेरा मामा हमेशा तेरे साथ ही है …… ले मेरी जान …. मै भी आता हु

और महक और मामाजी एकसाथ झडने लगे

महक पूरी संतुष्टि से बोली “आआआऽऽऽऽहहहऽऽऽऽ मामा ऽऽऽऽ. आज आपने मुझे वाकई ठंडा कर दिया ….. मेरी खुजली मिटा दी …… मामा ….थैंक यू …. लव यू मामा ….

और दोनों एकदूसरे को पागलो की तरह चूमने लगे

कुछ देर बाद जब दोनों का आवेग ठंडा होने लगा ….