अचानक उसने मुझे वहाँ स्क्वीज़ किया। उसने हद पार कर दी थी लेकिन मैंने कुछ नही किया.
मैं अंदर से घबराई हुई थी लेकिन पता नही क्यूँ एक एक्साइटमेंट भी था उसमें।
उस लड़के ने फिर मुझे स्क्वीज़ किया और अपनी उंगली से वहाँ मुझे सहलाने लगा।
भीड़ इतनी थी कि नीचे क्या हो रहा है सिर्फ़ मुझे और उस लड़के को पता था।
उस लड़के ने कुछ देर तक अपनी उंगली से मुझे वहाँ छेड़ा और मैं आँख बंद करके थोडा मज़ा लेने लगी।
फिर थोड़ी देर उसने अपना हाथ मेरे अपर से हटाया और कुछ नही किया।
मुझे लगा की फाइनली छुटकारा मिला लेकिन ग़लत थी. कुछ देर के साइलेन्स के बाद वो मेरे और करीब आया और उसका स्टमक मेरे बैक पर था।
Antarvasna Sex Kahaniya > बगलवाली मस्त आंटी
उसने अपनी बॉडी मेरे बैक पर प्रेस कर दी।
अब मैं उसे कंप्लीट्ली फील कर रही थी।
फिर उसने अपनी बॉडी से मेरे बॉडी को रगड़ना शुरू किया।
उसका फ्रंट मेरे बैक को रब कर रहा था।
यह कुछ ज़्यादा हो गया इसलिए मैं पलटी और उसे फेस किया।
वो डर गया और उसने मुँह फेर लिया।
मैंने उसे एक वॉर्निंग लुक देकर छोड़ दिया।
मुझे टेन्स्ड देखकर राहुल ने मेरी ओर बढ़ने की कोशिश की लेकिन कुछ लोगों ने उसे रोक दिया…मैं फिर उसकी ओर बढ़ी।
Antarvasna Sex Kahaniya > बॉस ने की माँ की चुदाई
अब उन लोगों को कोई प्राब्लम नही थी क्यूंकि मेरी सेक्सी बॉडी उन्हे क्लोजली छू कर जा रही थी।
उनके हाथ मेरे बड़े स्किन को छूने लगे और मैं जल्दी से राहुल तक पंहुच गयी।
उसने मुझे एक स्माइल दे कर अपनी ओर खींचा।
हम दोनो एक दूसरे एक करीब खड़े थे और सब हमें ही देख रहे थे।
ट्रेन एक स्टॉप पर रुकी और कुछ और लोग अंदर आए…
उस धक्का मुक्की में मुझे किसी ने पुश किया और मेरा सीना राहुल के चेस्ट पर क्रश हुआ..
राहुल ने स्माइल करके कहाँ कि तुम्हारे उस सॉफ्ट टच को मैं अभी तक नही भूला।
Antarvasna Sex Kahaniya > माँ की चुदाई का एहसास
मैंने कहाँ धीरे बोलो…कोई सुन लेगा।
राहुल ने कहा कि उसे कोई फ़र्क नही पड़ता।
उसके हाथ मेरे वेस्ट पर थे और वो मुझे वहाँ सहलाने लगा..
उसके हार्ड मॅन्ली हाथ मेरे बदन को उस तीन टॉप के ऊपर से छू रहे थे और मैं अपनी आँखे बंद करके उसे फील कर रही थी.
अचानक उसने मेरे टॉप के अंदर हाथ डालने की कोशिश की लेकिन मैंने उसे रोक दिया।
मैंने उसे कहा कि यह सब बाद में करना।
उसने रिप्लाई किया कि यह तो कुछ भी नही… वो मुझे किस भी कर सकता है।
Antarvasna Sex Kahaniya > अजनबी औरत की चूत मारी
मैंने उसे मज़ाक में लिया।
लेकिन ट्रेन जब नेक्स्ट स्टॉप में रुकी और सब तेज़ी से उतरने लगे राहुल ने मुझे एक स्विफ्ट्ली चूमा और पीछे हट गया।
लकिली किसी ने देखा नही और मैंने उसे प्लेफुली मारा…
उसके किस करने से मेरे हाथो पर एक टिंगलिंग सेन्सेशन रह गया जिस कारण मैं विश करने लगी कि हम जल्दी उतऱ जायें ताकि मैं उसके हाथो का भरपूर आनंद ले सकूँ..
तो जानू, इस तरह दो मर्दो ने लोकल ट्रेन में मेरे साथ मज़ा किया..
तुम कभी किसी लड़की को ऐसे मत छेड़ना… sexstory जूते पड़ेंगे… हा हा…