विधवा भाभी
मैंने लंड चूत में से निकाल कर उनके मुंह में डाल दिया। वो सारा रस पी गई और जीभ से चाट चाट कर मेरे लंड को साफ़ कर दिया। फिर हम ऐसे ही सो गए। सुबह चार बजे उठकर एक दिहाड़ी और लगाई उसके बाद नहा धो कर पूजा करने चले गए। वहाँ से वृन्दावन आए, वहां पर दर्शन करने के बाद मैंने भाभी से कहा- अब बस पकड़कर दिल्ली चलते हैं।