जीजा ने कहा चुत चुदवाओ

तो पहले तो वो मना करने लगी लेकिन जब मैंने उसकी कमीज़ ऊपर को उठानी शुरु की तो उसने कहा- रुको बाबा ! तुम तो मेरे बटन ही तोड़ दोगे ! मैं ही उतार देती हूँ !

और यह कह कर उसने अपनी कमीज़ के बटन खोल कर अपनी कमीज़ उतार दी। अब वोह सिरफ़ सफ़ेद ब्रा और सलवार में खड़ी थी। मैं उसको देखता ही रह गया। उसकी बगल में एक भी बाल नहीं था, शायद रविवार को ही बगल के भी बाल साफ़ किये थे। मैंने अपना दहिना हाथ उठा कर उसकी बाईं वाली चूची पर रख दिया और ब्रा के ऊपर से दबाने लगा और दूसरे हाथ को मैं उसकी गाण्ड पर फिरा रहा था।

दीपाली का चेहरा लाल सुर्ख हो गया था और उसके मुँह से सिसकियाँ निकल रही थी- अह्हह्ह।।।। अह्हह्ह।।।।। ओह्हह्ह।।।।

इस समय मेरे दोनों हाथ उसकी चूची और गाण्ड मसलने में व्यस्त थे और होंठ उसके होंठो को चूस रहे थे। मैंने उसको पलंग पर लिटा दिया और मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी कमर के नीचे हाथ लेजा कर सर को ऊपर उठाया और उसके होंठ चूसने लगा।

मैं इतना जोश में था कि कई बार उसने कहा- जरा आहिस्ता चूसो मेरा दम घुटता है।

कई बार तो एक दूसरे के होंठ चूसते-2 हम दोनों के मुँह से गूऊ।।।।।।न।।।।।।।।।।गू की आवाज निकल जाती।

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अब मै पीछे से उसकी ब्रा का हूक खोलने लगा था और थोड़ी सी मेहनत के बाद उसे भी खोल दिया और हूक खुलते ही उसकी चूचियाँ एकदम से ऊपर को उछली मानो उनको जबरदस्ती दबा कर कैद किया गया था और अब उनको आज़ादी मिल गई हो। उसकी चूचियाँ बहुत ही गोरी चिट्टी और एकदम सख्त और तनी हुई थी। निप्पल बाहर को उठे हुये और एक दम तने हुये थे।

जैसे ही मैंने एक हाथ से उसकी चूची मसलनी शुरु की और दूसरी को अपने मुँह से चूसने लगा तो दीपली की हालत खराब हो गई और वोह जोर से कसमसाने लगी। अब उसके मुँह से स्ससीईई।।।।।।

अह्हह्हह्हह्हह।।।।।।ओह्हह्हह्हह्ह मीएर्रर्रर्रि माआआआआअ मर्रर्रर्र गयीईई रीईई जैसी आवाज निकलने लगी। इधर मेरा लण्ड अभी तक पैन्ट में ही कैद था और उछल-कूद कर रहा था और उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर टक्कर मार रहा था। अब मैंने मुँह से उसकी चूची चूसते हुये और एक हाथ से चूची मसलते हुये दूसरे हाथ से उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसने भी कोई देर नहीं की तथा अपनी गाण्ड ऊपर कर के मुझे अपनी सलवार उतारने में मदद कर दी।

अब वोह सिरफ़ पैन्टी में ही थी और उसने सफ़ेद रंग की ही पैन्टी पहन रखी थी जो कि चूत के ऊपर से कुछ गीली हो रही थी। लगता था कि उसकी चूत ने उत्तेजना के कारण पानी छोड़ना शुरु कर दिया था।

जैसे ही मैंने उसकी चूत को पैन्टी के ऊपर से सहलाना शुरु किया तो वो काम्पने सी लगी और मस्ती में आकर बोली- मुझको तो नंगी कर दिया है और मेरा सब कुछ देख लिया है, लेकिन तुम अपना लण्ड अभी तक पैन्ट में छुपाये हुये हो !

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यह कह कर उसने मेरी पैन्ट की ज़िप खोल दी और चूंकि मैं पैन्ट के नीचे या वैसे अण्डरवीयर नहीं पहनता हूँ, मेरा लण्ड एकदम फ़नफ़नाता हुआ बाहर निकल आया। मेरा लण्ड देखते ही दीपाली एकदम मस्त हो गई और बोली- हाय राम ! तुम्हारा लण्ड तो काफ़ी लम्बा और मोटा है, लगभग 8 इंच लम्बा होगा और 3 इंच मोटा होगा। वाह ! तुम्हारे साथ तो बहुत ही मज़ा आयेगा। मैं तो तुम्हें अभी तक बच्चा ही समझती थी मगर तुम तो एकदम जवान हो ! एक खूबसूरत लण्ड के मालिक हो और बहुत अच्छी तरह से चोदने की ताकत रखते हो।

अब उसने मेरे सारे कपड़े एक एक करके उतार दिये और मेरे तने हुए लण्ड को सहलाने लगी। मेरे लण्ड का सुपारा एकदम से लाल हो रहा था और काफ़ी गरम था। अब मैंने भी उसकी चूत पर से उसकी पैन्टी उतार दी और देखा कि आज उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं है और एकदम सफ़ाचट है।

मैंने कहा- जीजी, उस रोज तो तुम्हारी चूत पर बहुत झान्टे थी और आज एकदम साफ़ है और किसी हीरे की तरह चमक रही है तो वो हंस पड़ी और बोली- मैं तुम्हारी तरह नहीं हूँ जो अपनी झान्ट और बगल का जंगल साफ़ ना करे। यह मुझको अच्छा नहीं लगता और तुम भी यह सब साफ़ करा करो।

मैंने कहा- जीजी, मैंने तो आज तक अपनी झान्ट और बगल के बाल साफ़ ही नहीं किये है और मुझे डर लगता है कि कहीं ब्लेड से कट ना जाये !

तो वो खिलखिला पड़ी और फिर बोली- अगर ऐसी बात है तो बगल के बाल और लण्ड से झान्ट मैं शेव कर दूंगी और हाँ एक बात और है कि अब तू मुझे बार बार जीजी ना कहा कर। अब मैं तेरी जीजी नहीं रही हूँ, तेरी माशूका हो गई हूँ इसलिये अब तू मुझको परिया कहा कर।

मैंने कहा- अच्छा !

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यह कह कर मैंने एक उंगली उसकी चूत के छेद में डल दी, छेद काफ़ी गीला था और एकदम चिकना हो रहा था। उसकी चूत एक दम गुलाबी थी पानी निकलने के कारण काफ़ी चिकनाहट थी। मैंने उसकी चूत में उंगली अंदर बाहर करनी शुरु कर दी और कभी कभी मैं उंगलियों के बीच उसके दाने को भी मसल देता था। उसके मुँह से सिसकारियाँ निकल रही थी- ह आह्ह्ह।।।। आह्हह्ह।।।। हय ईई ईई हैईईईइ उफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ उफ़्फ़फ़ कर रही थी और कह रही थी कि जरा जोर से उंगली को अंदर बाहर कर और मैं और तेजी के साथ करने लगा। उसके मुँह से सिसकारियों की आवाज बढ़ती ही जा रही थी और वो लगातार उफ़फ़्फ़फ़्फ़फ़फ़।।।।।उफ़्फ़फ़्फ़फ़।।।।ओह्हह्हह।।। ।ह्हह्हह् हाय मर गई ! कर रही थी तभी वो अपनी कमर तेजी के साथ हिलाने लगी और अटक अटक कर बोली- हा आ ऽऽ आ आ आ।।।।।। और्रर्रर्रर्रर्र तेज्जज्जज्जज से अंदर बाहर करो हाय ईईई मेर्रर्रर्रर्रर्रर्ररा निकलाआआआआ निकलाआआआआअ कह कर शान्त सी हो गई और मैंने देखा कि उसकी चूत में से पानी निकल रहा था जिससे चादर गीली हो गई थी।

मैंने कहा- जीजी आपका तो निकल गया !

हाँ मैं झड़ गई हूँ ! और फिर थोड़ा दिखावटी गुस्से से बोली- मैंने अभी क्या कहा था, भूल गया कि तू मुझको अब नहीं बल्कि परिया कह कर बुलाया कर ! और तू फिर भी जीजी ही किये जा रहा है !

मैंने कहा- सॉरी जीजी ।।। उफ़ नहीं परिया ! कुछ देर हम ऐसे ही मज़ा लूटते रहे और इस बीच वो एक बार और झड़ चुकी थी। वो अभी तक मेरा लौड़ा सहला रही थी अब मेरी बरदाश्त से बाहर हो रहा था। वो भी कहने लगी- विक्की और मत तड़पाओ और अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल भी दो।

यह सुन कर मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया रख दिया जिससे उसकी चूत ऊपर को उठ गई। अब मैंने उसकी टांगों को चौड़ा करके घुटनों से मोड़ कर ऊपर को उठाया और अपने लण्ड का सुपारा उसकी चूत के छेद पर रखा तो मुझे लगा कि मैंने लण्ड किसी भट्टी पर रख दिया, उसकी चूत इतनी गरम थी और भट्टी की तरह तप रही थी। मैंने अपनी कमर को उठा कर एक धक्का मारा और मेरे लण्ड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया और इसके बाद मैंने एक बहुत जोरदार धक्का लगाया जिससे 5-6 इंच तक मेरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया और उसके मुँह से एक सिसकी निकली और बोली कि तू तो बड़ा बेदरदी है जो एक ही धक्के में अपने लण्ड को मेरी चूत में घुसाना चाहता है ! अरे मेरी चूत फ़ाड़ने का इरादा है क्या ? ज़रा आराम से कर ! तेरा लण्ड बड़ा है ना इसलिये दर्द होता है।

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लेकिन मैंने उसकी एक भी नहीं सुनी और एक और धक्का तेजी के साथ लगा दिया और अब सारा का सारा लण्ड उसकी चूत में घुस गया था। वोह हल्की सी आवाज में चिल्लाई- हय य ययययी अर्रर्ररे मर गई ऊऊऊ मेर्रर्रररि म्मम्ममआआआअ मेर्रर्रर्रर्रररीईईई चूऊऊत फाआआआआआआड़ दीईई !

और मैं एकदम डर गया कि कुछ गड़बड़ ना हो गई हो और पूछा कि ज्यादा दर्द हो रहा हो तो मैं निकाल लूँ !

वो बोली- अरे नहीं ज्यादा तो नहीं मगर तूने एकदम अंदर कर दिया है इसलिये थोड़ा सा दर्द हो रहा है, तेरा लण्ड काफ़ी लम्बा और मोटा है ना इसलिये !

अब तू मेरे ऊपर लेट जा और चूची चूस !

और मैंने ऐसे ही किया और उसकी चूची चूसने और मसलने लगा। कुछ देर में ही उसे मज़ा आने लगा और अपनी गाण्ड हिला हिला कर ऊपर को उठने लगी और बोली- अब धक्के लगा ! और मैंने अपनी कमर और चूतड़ उठा उठा कर जोर शोर से धक्के मारने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर में उसके मुँह से अन्ट शन्ट आवाजें निकलने लगी। वो बोल रही थी- अयययीईए । र्रर्रे स्सह्हूओद्दद्द मूऊउझे जूओर जोऽऽर से चोद फाआअड़ दे मेर्रर्रीईइ चूऽऽऽत कोऽऽ उफ़्फ़फ़फ़्फ़फ़ मेर्रर्रर्रा फह्हह्हहिर्रर्रर से निकलने वलाआआआआअ है हाअ और जोऽऽर से और यह कर कर तेजी से कमर हिलने लगी और स्सस्सीईईईइस्सस्सस्सीईई करती हुई झड़ गई।

मेरा लण्ड एकदम गीला हो गया था और काफ़ी चिकना हो गया था जिससे वो 2-3 बार बाहर भी निकल गया। अब मैंने धक्के लगने की गति तेज कर दी थी। मुझको थोड़ी मस्ती सूझी और मैंने धक्के लगाते-2 एक उंगली पर उसका पानी लगाया और अचानक उसकी गाण्ड के सुराख पर फेरते हुये मैंने उंगली को उसकी गाण्ड के अंदर कर दिया और वो एकदम दर्द से चीख उठी और बोली- क्या शैतानी कर रहा है? अरे मेरे को दर्द होता है, मेरी गाण्ड से उंगली को फ़ौरन बाहर निकालो।

मैंने पूछा- क्या कभी किसी से गाण्ड मरवाई है? मैं तुम्हारी गाण्ड मारना चाहता हूँ।

इस पर दीपाली ने कहा- नहीं ! मैंने अपनी गाण्ड कभी नहीं मरवाई है और ना ही मेरे से मरवाएगी क्योंकि वो गाण्ड मारने को सही नहीं मानती !

फिर उसने पलट कर पूछा- क्या तुमने किसी से अपनी गाण्ड मरवाई है या किसी की गाण्ड मारी है !

तो मैंने नहीं में जवाब दिया।

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इस पर उसने कहा- विक्की तू तो बहुत ही सुंदर और स्मार्ट है, तुझे कैसे छोड़ दिया? क्योंकि लड़के आपस में एक दूसरे की गाण्ड ही मार कर काम चलाते हैं।

मैंने कहा- मैं सेक्सी ज़रूर हूँ लेकिन मैं ना तो किसी लड़के की गाण्ड मारता हूँ और ना ही मरवाता हूँ, मैं तो बस चूत ही चोदना चाहता हूँ। हाँ आज तुम्हारी गाण्ड पर दिल आ गया है इस लिये मारना चाहता हूँ। दीपाली बोली- अभी तक तो मैंने गाण्ड कभी नहीं मरवाई है, यदि कभी मरवाने की इच्छा हुई तो तुझसे ही मरवाउंगी।

हम बातें कर ही रहे थे कि वो फिर से अन्ट-शन्ट बकने लगी- ह्हह्हाआआ और जोर से माआअर्रर्रर निकाल दे म्ममेर्ररा स्सस्सस्सस्ससाआआर्रर्रर्रर्रर्रर्रर्रा पानीऽऽ आअज्जज्जज्ज ज्जज्ज बना दे मेरी चूह्हह्हह्हह्हहूऊऊत की चटन्नन्नन्नीईई उफ़्फ़ उफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ उफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़ ह्हह्हा आअ !

वो ऐसे ही करती रही और इधर मेरे भी धक्कों की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी और मैं पसीने-2 हो रहा था अब मेरे मुँह से भी अन्ट-शन्ट निकलने लगा= ह्हह्हाआअ कयूऊं नहीं मैं आज ही तुम्हारी चूत को चोद कर भोसड़ा बना देता हूँ हाय ! मेरा अनेययययययी लगा हैईईईईई लगता है कि निकलने वाला है उफ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़फ़्फ़ और लूऊऊओ और लूऊऊऊऊऊऊऊऊ कहते हुए फ़ुल स्पीड से धक्के मार रहा था कि लगा कि मेरे लण्ड से कुछ बाहर आ रहा है और मैंने हांफ़ते हुए उसे कस कर पकड़ लिया और जोर जोर से उसकी चूची चूसने लगा। उधर दीपाली भी आवाजें निकाल रही थी- हाआ ऐईईईईईईईइ मैईईईई फिर्रर्रर सेयययययी झर्रर्रर्रर्रर्रर रहीईईईई हूँ्न ऊऊओ मेरि माआआआआआआआ मेर्रर्रर्रराआआआआआ निकल रहा है ! और यह कहते -2 उसका सारा शरीर एक बार फिर से अकड़ गया और वो भी मेरे साथ साथ झड़ गई।

उसने झड़ते हुये अपने दांत मेरे कंधे में गड़ा दिये और मेरे मुँह से एक चीख निकल गई और वोह जोर से हंस पड़ी। मैं काफ़ी देर तक ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा। फिर हम दोनों उठकर बाथरूम में गये तो उसने मुझे बाहर जाने के लिये कहा पर मैंने मना कर दिया और कहा- परिया मैं तो यहीं रहूँगा और तुमको पेशाब करते हुये देखूंगा !

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पहले तो वो मना करती रही लेकिन वो फिर मन गई और मेरे सामने बैठकर पेशाब करने लगी। मैं यह तो नहीं जान पाया कि उसका पेशाब चूत में से कहाँ से निकल रहा है लेकिन उसको पेशाब करते हुये देख कर अच्छा बहुत लगा। उसके पेशाब की धार उसकी चूत से काफ़ी मोटी बाहर आ रही थी और ऊपर को उठती हुई काफ़ी दूर पड़ रही थी और दीपाली मेरी तरफ़ देख कर शर्मीली हंसी हंस रही थी।

फिर मैंने पेशाब किया तो उसने भी मुझे बड़े गौर से देखा। मेरी भी धार काफ़ी मोटी थी और काफ़ी दूर तक जा रही थी। इसी बीच हम दोबारा उत्तेजित होने शुरु हो गये और हम लोगों ने एक बार फ़िर से चुदाई की। हम काफ़ी देर तक यूँ ही चिपटे हुये नंगे पड़े रहे और बात करते रहे। मेरा मन तो उसको एक बार फ़िर से चोदने को कर रहा था लेकिन दीपाली ने ही मना कर दिया और कहा- ज्यादा चुदाई नहीं करनी चाहिये वरना कमजोरी आ जायेगी। मैंने भी उसकी बात मान ली और अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गये और फ़िर दूसरे मौके की तलाश में रहने लगे।