चूत चुदाई की प्रेम कहानी

मेरा नाम जीत है मेरा कद 5’9″ है.. रंग गोरा और साधारण शरीर है। मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। ३-४ महीने से मैं हमेशा अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर सेक्स कहानी पढ़ने आता हु, सोचा आज अपनी भी एक मस्त चुदाई वाली कहानी आप से शेयर करू.. antaravasna

यह बात 3 साल पहले की है..

हमारे पड़ोस में एक नया परिवार रहने आया था।

Antaravasna Sex Kahani > देसी आंटी की उसके घर चुदाई

antarvasnasexstories.org par jawaan ladki ki chut chudai jaisi mast antaravasna sex kahaniउस परिवार में पांच लोग थे.. अंकल, आंटी.. उनका 25 वर्षीय बेटा अरुण.. 22 वर्षीय बेटी प्रीति.. 19 वर्षीय मोनिका.. शर्मा जी बैंक में नौकरी करते थे।

आंटी का स्वभाव बहुत अच्छा था.. थोड़े समय में ही वो हम सब से घुल-मिल गई थीं।

मोनिका और मेरी बहन एक ही कॉलेज में जाती थी।

अरुण की थोड़े समय में जॉब लग गई थी।

प्रीति भी नौकरी की तलाश में थी।

उसने बी.टेक. किया था लेकिन उसको कोई जॉब नहीं मिल रही थी.. क्योंकि वो यहाँ नई थी।

मैंने उसके लिए मेरी कंपनी और दूसरी तीन-चार कंपनियों में नौकरी के लिए कोशिश की तो उस मेरे ऑफिस के पास की एक कंपनी में नौकरी मिल गई।

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उस दिन वो बहुत खुश थी.. उसने मुझे थैंक्स कहा।

प्रीति अच्छे नयन-नक्श वाली साधारण लड़की थी.. उसकी सादगी की वजह से मैं उसको मन ही मन चाहने लगा था.. लेकिन कभी कह नहीं पाया.. मौका ही नहीं मिला।

एक बार जब मैं ऑफिस जा रहा था.. तो मैंने देखा कि वो बस के इंतजार में खड़ी थी।

मैंने उससे कहा- मेरे साथ चलो न… तो उसने मना किया.. मेरे जिद करने पर वो मेरे साथ जाने को तैयार हुई।

उसके बाद ऐसा कई बार हुआ एक बार मैंने उससे कहा- क्या वो मेरे साथ कॉफ़ी पीने चलेगी?

तो पहले उसने मना किया और फिर बाद में मान गई।

हम सीसीडी गए.. वहाँ मैंने उससे मेरे बारे में पूछा..

तो उसने कहा- वो मुझे एक अच्छा दोस्त मानती है।

मैंने हिम्मत करके उसको ‘आई लव यू’ बोल दिया..

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तो उसने कहा- मैं इस बारे में बाद में बताऊँगी।

उसके बाद उसके भाई का तबादला मुंबई हो गया।

थोड़े दिन बाद एक दिन रात को में छत पर खड़ा था.. तभी वो अपनी छत पर आई, हमारी छत की दीवार मिली हुई थीं।

मैंने उससे मेरे लिए जवाब पूछा.. तो वो हंसी और उसने शर्म से अपना चेहरा छुपा लिया।

मैं समझ गया.. हंसी मतलब फंसी…

मैं दीवार फांद कर उसकी छत पर गया और उसके चेहरे से उसके हाथ हटा कर उसके गाल पर चुम्बन किया.. तो वो मुझसे लिपट गई।

मैंने उसको कस कर अपनी बांहों में भर लिया और उसके गुलाबी चेहरे को थोड़ा ऊपर किया।

उसके होंठ एकदम लाल थे.. उसकी आँखें बंद थीं।

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मैंने उसके कांपते हुए होंठों को अपने होंठों में बंद कर लिया।

दोस्तो, उस समय में जो महसूस कर रहा था वो मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता।

दस मिनट बाद जब आंटी ने आवाज लगाई.. तो हम अलग हुए।

उसके बाद जब भी हमें मौका मिलता तो हम एक-दूसरे से प्यार करते..

कभी छत पर तो कभी पार्क में… एक बार उसके ऑफिस में हाफ-डे था और उसने घर पर नहीं बताया था..

तो मैंने ऑफिस से छुट्टी ली और हम दोनों मूवी देखने चले गए।

सिनेमा हॉल में भीड़ कम थी हमने कोने की टिकट ली और मूवी देखने लगे।

मैं उसकी कुर्ती के अन्दर से उसके 34″ साइज़ के मम्मों को दबा रहा था.. मूवी में एक बेडरूम सीन आया.. मैं उसको चुम्बन करने लगा।

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