रश्मि : मुझे नही पता मतलब?
Antarvasna Rishton me chudai – बगलवाली मस्त आंटी
भाभी : कुछ नही छोडो. तुम बताओ तुमने किसी को बॉय फ्रेंड बनाने की नहीं सोची हे क्या?
रश्मि : भाभी आप पहले बताओ की आप गलत क्यों कर रही हो? आप की तो शादी भी हो चुकी है और फिर भी.
भाभी : में नही चाहती की मेरा और तुम्हारे भाई का रिलेशन ख़राब हो लेकिन वह मुझे बिस्तर पर खुश नहीं रख पाते और अगर यह बात ने उन्हें बताउंगी तो रिलेशन पर असर पडेगा, इसीलिए मुझे बहोत सोच समज कर यह कदम उठाना पड़ा. लेकिन प्लीज़ तुम किसी से नहीं कहना और यह मेरी और तुम्हारे भैया की जिंदगी का सवाल हे, क्या आप यह चाहती हो के हम लोग अलग हो जाये?
रश्मि : ठीक हे किसी को नही कहूँगी.
भाभी : तुम्हारा कोई बॉय फ्रेंड क्यों नही हे?
रश्मि : में ऐसे ही किसी को नहीं बनाउंगी किसी मर्द को सिलेक्ट करुँगी.
भाभी : लेकिन उसके लिए तो पहले आप को उसके साथ हमबिस्तर होना पड़ेगा.
रश्मि : तो क्या करू भाभी आप ही बताओ.
भाभी : क्यों अपनी जवानी बरबाद कर रही हो? एक बार जवानी चली गई तो बहोत पछताओगी खुल के मजे लो जवानी के और कोई अपना बॉय फ्रेंड बना लो.
रश्मि : क्या भाभी आप भी, लड़के सिर्फ एक ही चीज के लिए गर्ल फ्रेंड बनाते हे और फिर मुझे डर लगता हे.
भाभी : अगर लड़के एक ही चीज के लिए गर्ल फ्रेंड बनाते हे तो तुम भी सिर्फ एक ही चीज के लिए बॉय फ्रेंड बना लो. और बहार डर लगता हे तो घर में कर लो मरी तरह.
रश्मि : भाभी आप घर में किस से..
भाभी : आप किसी को बताओगी नहीं तो आप को भी में दिलवा दूंगी.
रश्मि : नहीं बताउंगी
भाभी : देवरजी से, फिर कुछ देर बाद भाभी चली गई और रात में मेरे मोबाईल पर मेसेज आया.
भाभी : दीदी कहा हे देवरजी?
में : घर में हे.
भाभी : ठीक हे, और फिर में अपनी गर्ल फ्रेंड से बात करने लगा. मैने देखा की रश्मि बड़े गौर से मोबाईल में कुछ कर रही थी लेकिन मैने देखना सही नहीं समजा.
अगले दिन जब भाभी घर पर आई तो आते ही बोली.
भाभी : आज मेरा रंडीबाज देवर बहनचोद बन जायेगा.
में : क्या बात कर रही हे मेरी रंडी, तूने उसे मना लिया क्या?
भाभी : नही लेकिन आज तेरा काम बन गया लगता हे, और अब ये बताओ की दीदी ने रात को कब तक मोबाइल चलाया?
में : येही कोई १ बजे तक क्यों?
भाभी : कल रात की मैने दीदी को कुछ गन्दी गन्दी कहानिया सेंड कर दी थी भाई बहन वाली.
में : भाभी अगर आज मेरा काम हो गया तो में तेरी बहोत ही धमाकेदार चुदाई करूँगा और नहीं हुआ तो तेरी गांड को फाड़ के रख दूंगा.
भाभी : फाड़ देना में भी यही तो चाहती हु की तू मेरी फाड़ के रख दे. तभी भाभी के पास रेशमा का मेसेज आया उसमे लिखा था एस मैने मेसेज पढ़ा. तो भाभी ने मुझे बताया की मैने उसे कहानी सेंड करने से पहले मेसेज किया था की अगर तुम बॉय फ्रेंड बनाना चाहती हो तो देवरजी ने क्या बुराई? हे घर की बात घर में रहेगी और किसी को कुछ शक भी नही होगा. और अगर तुम कहो तो में देवरजी से बात करू, कल तक तुम सोच कर बता देना और उसे एक कहानी और सेंड की और मुझसे कहा.
भाभी : जब वो आएगी तब हम दोनों बिस्तर पर लेटे रहेंगे और बाकी काम आप मुज पर छोड़ देना.
में : ओके शाम को जब रश्मि आई तो में बिस्तर में लेटा हुआ था और भाभी ने गेट खोला और फिर आकर मेरे बगल में लेट गयी. रश्मि यह देख कर मुस्कुराई लेकिन कुछ भी नही बोली, लेकिन में उठ के बेठ गया, मुजे थोड़ी शर्म और डर लग रहा था.
भाभी : दीदी से ज्यादा तो आप डर रहे हो देवरजी.
रश्मि : भाभी में क्यों डरूंगी मैने आप के जेसे कुछ गलत थोड़ी ही कुछ किया हे?
भाभी : चलो ठीक हे कोई नहीं डर रहा लेकिन मेंरा एक काम कर दो बस तुम दोनों …
हम दोनों भाई बहन एक साथ बोले : क्या अब ऐसे अंजान मत बनो और तुम दोनों को पता नहीं हे की क्या करना हे तो हम तुम बेठो में तो जा रही हु मैने भाभी का हाथ पकड़ा और कहा.
में : तुम कहा जा रही हो अभी तो खेल शुरू हुआ हे.
भाभी : आज दूसरी पिच पर खेलना और फिर रश्मि का हाथ पकड पर उसे मेरे ऊपर गिरा दिया. मैने भाभी का हाथ नहीं छोड़ा लेकिन एक हाथ रश्मि को पकड लिया और उसकी पीठ पर हाथ फेर रहा था, मन तो कर रहा था की रश्मि को नंगा कर के चोद डू लेकिन ऐसा नहीं किया, रश्मि क्या माल लग रही थी उसने रेड सलवार सूट पहन रखा था.
मैने भाभी से कहा
में : यही रुको न प्लीज़.
भाभी : अब तुम बोलते हो तो रुक जाते हे.
और भाभी ने मेरे जींस की जिप पार हाथ रख के लंड को रगड़ना चालू कर दिया. मैने हिमत कर के रश्मि के लिप्स पर लिपस रखे और जब उसने कुछ नहीं कहा तो में उसके लिप्स को चूसने लगा. भाभी मेरे लंड को जींस के ऊपर से मसलने लगी थी और में रश्मि के बूब्स को सहला रहा था.
में : आःह अह्ह्ह अह्ह्ह रश्मि मेरी बहन तेरे लिए में कब से तडप रहा था, रश्मि भी मेरा साथ दे रही थी लेकिन थोडा डरी हुई थी और मैने उसके बूब्स को दबाना चालू कर दिया.
रश्मि : आःह्ह्ह्हह धीरे. में और जोर जोर से बहन के बूब्स को दबाने लगा और बहन मेरी जान है तू रश्मि आहाह आम्म्म.
भाभी : ओये मेरे रंडी बाज देवर जेसा मुझे बोलते हो वैसा ही बोलो नहीं तो में भी तुम्हारी गलिया नही सुनूंगी,
में : रश्मि मेरी बहन मरी रंडी आय लव यु.
रश्मि : आह आह्ह भाई.
मैने रश्मि के सूट को उपर किया और उसकी रेड ब्रा उह्ह्हह्ह, क्या मस्त बूब्स थे मेरी बहन के. मैने तो जल्दी से उसकी कुर्ती निकाल दी वो शरमा गई और अपने हाथ से छुपाने लगी. मेरी भाभी ने उसके हाथ पकडे लेकिन उसने हाथ नहीं खोले. मैने भाभी का ब्लाउज निकाल दिया और कहा.
में : मेरी बहन आज से तू मेरी हे. अपनि भाभी से मत शरमा और मैने उसके हाथ को पकड के धीरे धीरे अलग किया. अब में रश्मि के बूब्स को ब्रा के ऊपर से मसल रहा था.
रश्मि : भाई धीरे आह्ह अह्ह्ह अहह मम्म अम्म्म ओह्ह ओह्ह ओह्ह भाई. इधर भाभी ने रश्मि की सलवार निकाल दी और खुद भी नंगी हो गयी.
रश्मि को बहुत शर्म आ रही थी लेकिन में उसके बूब्स दबा रहा था तो उसे खूब मजा आ रहा था, मैने रश्मि के ब्रा को अलग कर दिया उफ़फ क्या मस्त गोर चिकने बूब्स थे बहन के?
में : वाह्ह्अह्ह्ह मेरी रंडी बाज बहन क्या मस्त गोर बूब्स हे तेरे रंडी, एकदम सॉफ्ट सॉफ्ट हे.. उफ्फ्फ्फ़ में उन्हें चूसने लगा और एक हाथ से रश्मि की बुर को पेंटी के ऊपर से ही सहलाने लगा भाभी ने मेरी जींस उतार दी थी और शर्ट तो मैने पहनी ही नही थी.
अब में चड्डी ने था और रश्मि पेंटी में. और मेरी भाभी ने ब्रा और पेंटी पहन रखी थी. मैने भाभी की ब्रा निकाल फेकी और में रश्मि के बूब्स को चूसने लगा और रश्मि की पेंटी के अंदर हाथ डाल के बुर मसलने लगा. भाभी भी मेरा साथ दे रही थी. वो एल हाथ से खुद को मसल रही थी और दुसरे से रश्मि के बूब्स दबा रही थी.
बहोत देर तक रश्मि के बूब्स चूसने के बाद में रश्मि के दोन्हो पेरो के बिच में बेठ गया और उसकी बुर को चाटने लग गया लेकिन भाभी ने मुझे उठा दिया और कहा की लेट जाओ.
मैने ऐसा ही किया में लेट गया और फिर मेरी भाभी ने रश्मि को मेरे मुह पर बेठने को कहा. रश्मि ने उसकी चूत को मेरे मुह पर रख दिया और में उसको चाटने लग गया और तब भाभी मेरे लंड को चाट रही थी.
रश्मि : आह्ह अह्ह्ह हह्ह्ह मम्म अह्हह ममं ओघ्ह्ह हाहाह भाई और कर हाहाह हहह आह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह मुझे पहले पता होता की चुदाई में इतना मजा आता हे तो में कब से तुजसे चुदवा लेती मुझे तो लगता था की चुदाई करने में सिर्फ मर्द को मजा आता होगा और ओरत की तो हालत ख़राब हो जाती हे. लेकिन में गलत थी तुम मेरी चूत चाट रहे हो या मुझे स्वर्ग की सफर करा रहे हो ये मुझे समज में नही आ रहा हे. मुझे अगर पहले मिल जाते तो में आज तक तुम्हारी पक्की रंडी बन गई होती और तुजे पराई ओरत के पास अपने लंड को शांत करने के लिए जाना भी नहीं पड़ता मेरे प्यारे भाई और चूस मेरी चूत को आज इसका सारा का सारा माल तू निकाल के पि जा. आअज मुझे सच्चा अहसास हो रहा हे की एक पुरुष ओरत की चूत को केसे चाट के साफ कर के उसे आनंद देता हे और उसे स्वर्ग में पंहुचा देता हे. आहाह्ह अह्ह्ह ..अहह्ह्ह ओह्ह्ह्ह.
भाभी : आज देखो दीदी तुम्हे जवानी का अहसास होगा. में तो लगा रहा था चूत को चाटने में. और मेरा लंड बहोत ही टाईट हो चूका था. और उसे अब किसी का होल चाहिए था.
मैने रश्मि से कहा.
में : चल आजा मेरी रंडी बहन अब तूने मुझसे बहोत चुसवा लिया हे और अब तू अपने भाई का मिठा मीठा लंड चूस के उसको खुश कर दे.
रश्मि : नहीं में यह कभी नहीं कर सकती मुझे एकदम गंदा लगता हे और मुझे एकदम से उलटी आ जाएगी.
भाभी : रहने दो देवरजी उसके साथ जोर जबरदस्ती ना करो उसका पहली बार हे और वह भी धीरे धीरे रंडी की तरह तुम्हारा लंड चूसने लग जाएगी और फिर तुम्हे भी बहोत मजे कराएगी लेकिन अभी तो शुरुवात हे तो तुम जरा आराम से करो.
अब मेरे लंड को तो ठंडा करना ही था तो मैने रश्मि को लेटाया और उसकी गांड के निचे तकिया लगाया और चार पाच थप्पड़ उसकी गांड पर मार दिए और उसकी गांड मैने गोरी गोरी से एकदम टमाटर की तरह लाल लाल कर दी.
रश्मि : हरामजादे चोद रहा हे की मार रहा हे मुझे.
भाभी : प्यार से चोद लो देवरजी. यह बहन हे आप की, भाभी नहीं हे जो सब कुछ चुपचाप सहन कर लेग. मेरी तो मज़बूरी हे की मुझे मेरा मर्द खुश नहीं कर सकता वर्ना पराये मर्द के पास कोई नारी नहीं जाएगी और आज कल तो सबका फेशन चल रहा हे शादी से पहले एक बार सिल तुडवाने का. तो आप अपनी बहन की सिल आराम से तोड़ लो.
फिर मैने अपने लंड पे कंडोम चढ़ाया और रश्मि की बुर को मेरी उंगली से सहलाने लगा और फिर मैने भाभी से कहा.
में : आज तुम्हारी वजह से मुझे एक सिल तोड़ने को मिलेगी थेंक यु भाभी.
रश्मि : भाभी के गुलाम आब तो मुझे चोद दे कब से तडपा रहा हे मुझे.
अब में अपना लंड उसकी चूत के ऊपर रख के रगड़ने लगा और मेरी बहन की आह्ह अह्ह्ह हह्ह्ह अम्मम्म अहह्ह्ह आन्हे सुनने में मुझे बहोत मजा आ रहा था. तभी भाभी ने मुझे न्यूज़पेपर दिया और कहा की इसको बहन की चूत के निचे रख दो अगर खून निकला तो इसमें आ जायेगा, फिर मैने भाभी को थैंक यु कहा और उसने कहा वैसे मैने पेपर को चूत के निचे रख दिया. फिर में अपना लंड उसकी चूत में धकेलने लगा. मैने लंड को अंदर डालने के लिए थोडा जोर लगाया और मेरी बहन जोर से चीख उठी.
रश्मि : आःह हहह अह्ह्ह हह्ह्ह हहह मर गई में आःह अह्ह्ह्ह मा मर गई साले हरामजादे आह्ह्ह अहः बहनचोद उसकी आँख से अब आंसू निकल आये थे और मेरा तो एकदम पूरा का पूरा लंड अंदर जा चूका था. में थोड़ी देर तक बिना जरा भी हिले वही पर रुक गया.
भाभी ने देखा तो रश्मि की चूत से खून निकल रहा था तो वह बोली
भाभी : दीदी बस अब काम हो गया हे अब आप को तकलीफ नही होगी. मेरी बहन रो रही थी और उसकी आँख से आंसू आ रहे थे और उसने बहोत मुश्किल से उसकी आवज को दबाके रखा हुआ था. अब मैने धीरे धीरे अपना लंड ऊपर निचे करने लग गया और उसे तो अभी भी दर्द हो रहा था. उसकी आवाज निकलने लगी तो मेरी भाभी ने अपना हाथ उसके मुह पर रख दिया. और में आपने लंड को अब जोर जोर से रगड़ने लगा. और थोड़ी देर बाद रश्मि को दर्द कम हुआ तो वह खुद आपने आप उछलने लगी थी.
रश्मि : आह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह आह्ह अम्मम्म येस्स उआह्ह येस्स्स्स अह्ह्ह आह्ह्ह भाई और जोर से आह्ह्ह येस्स्स्स आज मेरी सारी प्यास मिटा दो आह्ह आह्ह और जोर से करो मुझे बहोत मजा आ रहा हे भाई आह्ह्ह हह्ह्ह येस्स्स्स उह्ह्ह्ह येस्स्स्स. आज अपनी बहन की चूत को फाड़ दे बहनचोद.
और फिर उसने मुझे अचानक से बहोत टाईट पकड लिया और कहने लगी के बस बस बस में समज गया की इसका पानी बहार आ गया हे. मैने उसे कहा रंडी २ मिनिट और रुक जाती तो क्या होता हरम जादी मेंरा पानी भी आ जता ना कुतिया.
रश्मि : बस अब नही प्लीज़,
में : मेरा पानी कोण निकालेगा.
भाभी : ओये रंडीबाज मुझे भूल गया क्या साले बहनचोद.
में : आरे मेरी रंडी तुजे तो में जिंदगी भर नही भूल सकता हु. मैने रश्मि को छोड़ दिया और फिर मैने अपने लंड का पानी मेरी भाभी को चोद कर निकाल दिया.
उस दिन के बाद में, मेरी भाभी और मेरी बहन का चुदाई का खेल चालू हे.