हेलो फ्रेंड्स में देव कुमार शर्मा एक बार फिर आप के सामने मेरी एक सच्ची कहानी ले कर आया हु और यह कहानी उस समय की हे जब मैने पहली बार मेरी सगी बहन रश्मि को चोदा था और इस काम में मेरी मदत मेरी भाभी अंजू ने की थी. और अब में स्टोरी पर आता हु. पहले में आप लोगो को अपने बारे में बताता हु मेरी उमर २६ साल हे और में दिखने में एकदम हेंडसम हु, मेरी बोडी एवरेज टाइप की हे और मेरे लंड का साइज़ ६.५ इंच लंबा और ३ इंच मोटा हे.
मेरी बहन का नाम रश्मि हे और उसकी उमर २४ साल की हे और उसका फिगर ३२-२८-३४ हे. और वह दिखने में एकदम जूही चावला जेसी दिखती हे. मेरी बहन को देख कर बुढ्हो का भी लंड खड़ा हो जाये. रश्मि १२th के बाद एक कोल सेंटर में जॉब करती हे और अब बात करते हे मेरी भाभी की जिसका नाम अंजू हे और उसकी उमर २५ साल हे. उसका फिगर ३४-२८-३६ हे और वह बिल्कुल उर्मिला मातोंडकर जेसी दिखती हे.
यह मेरे ताऊजी की बहु हे यानी के मेरे ताउजी के लड़के की वाइफ जो हमारे घर के पीछे की तरफ रहते हे. और मैने आप को पहले ही बताया हे की मैने किस तरह मेरी भाभी की चुदाई की थी और उसके बाद हमारा यह खेल महीने में २५ दिन तक होता था. मोक मिलते ही भाभी मेरे लंड की प्यास को बजाने आ जाती थी. मेरे घर में मेरी बहन रश्मि के अलावा माँ और पिताजी भी हे. माँ ऑफिस में जाते हे और माँ घर का काम संभालती हे और वह साथ में एक स्कुल में भी पढ़ाने के लिए जाती हे.
बेहें जब चली जाती तब भाभो हर रोज मेरे पास चुदवाने के लिए चली आती थी और एक दिन चुदाई करते समय मेर्री भाभी ने मुझे कहा.
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अंजू : क्या कहते हो मेरे रंडी बाज देवर तुम्हे में ज्यादा मजा देती हु के तुम्हारी गर्ल फ्रेंड?
में : जो मजा घर की रखेल को चोदने में हे वह बहार किसी भी रंडी को चोदने में नही हे.
भाभी : और घर की रखेल में मेरी जगह कोई और होती तो?
में : क्या करू जान मेरी कोई और भाभी नहीं हे सिर्फ तू ही हे.
भाभी : अगर मेरी जगह रश्मि होती तो?
में यह सुन कर थोडा चोंक सा गया लेकिन अच्छा लगा सुन कर की काश मेरी बहन की चूत का स्वाद भी मिल जाये. में तो चाहता था की बहन की चुदाई का भी में मजा लू.
में : यह तो उसे चोदने के बाद ही पता चलेगा की तू ज्यादा नमकीन हे या वह हे.
भाभी : चलो अब बाते बंद करो और मेरी प्यास बुजा दो आग लगी हे मेरी चूत में.
मैने भाभी को चूमना चाटना चालू कर दिया पर मेरा ध्यान रश्मि पर था की काश एक बार मेरी बहन की चूत भी मुझे मिल जाए साली क्या माल हे, और फिर मैने भाभी को बोला
में : तुम मेरी मदद करोगी?
भाभी : किस काम में केसी मदद?
में : मुझे रश्मि की बुर का स्वाद लेना हे.
भाभी : पागल हो गया हे क्या? वह नहीं मानेगी और ये बहोत ही मुश्किल हे क्योंकि वह तुम्हारी बहन हे.
में : मुझे वह कुछ भी पता नही हे, तू मेरे लिए कुछ भी कर. नहीं तो में तुजे नही चोदुंगा.
भाभी : में कोशिश करुँगी लेकिन पक्का नहीं कह सकती के क्या होगा, सोच लो.
में : हा मैने सोच लिया मुझे बस रश्मि को चोदना हे बस चोदना हे.
भाभी : ठीक हे मुझे तो चोद ले हरामी, और फिर मेरी और उसकी रास लीला शुरू हो गयी और एक घंटे के बाद भाभी चली गई और में मेरी बहन की ब्रा और पेंटी ढूंढने लगा और मुझे उसकी ब्लेक पेंटी मिल भी गई और में उसे सूंघने लगा.
आह्ह्ह अहः क्या मस्त नशीली खुशबु आ रही थी उसमे से. मेरा लंड तो फिर से खड़ा हो गया मैने रश्मि को सोच कर मुठ मारी, और में लेट कर रश्मि के बारे में सोचने लगा, थोड़ी देर बाद डोर बेल बजी मैने दरवाजा जाके खोला और देखा तो मेरी बहन आ गयी थी उसका जिस्म देख कर मेरा मन मचल गया और में मन में सोचने लगा की साली क्या मस्त कडक माल हे तू, एक बार मेरे लंड से चुदवा के देख ले हरामजादी.
रश्मि अंदर आकर बैठ गयी रोज की तरह, उसने सलवार और सूट पहना हुआ था सफ़ेद कलर का जिसमे उसकी अंदर की समीज साफ़ दिख रही थी, फिर बहन फ्रेश होने के लिए गयी और मैने तभी भाभी को कोल किया.
में : हेलो जान.
भाभी : क्या हुआ देवरजी?
में : रश्मि आ गयी हे कब तक मुझे इसकी दिलवा दोगी?
भाभी : थोडा सबर तो रखो ज्यादा जल्दी भी मत करो, में वही पर आती हु और तुम मुझे रश्मि के सामने फ्लर्ट करना और मुजे टच करने की कोशिश करना. और तुम यह भी भूल जाओ के आज ही बहेनचोद बन जाओगे.
में : ठीक हे जल्दी आ जाओ यह कह कर मैने फोन रख दिया और इधर से रश्मि भी बाथ रूम से बहार आ चुकी थी और वह टीवी देखने लगी थी. में आगे वाले रूम में जाके मोबाईल में पोर्न देखने लगा. और थोड़ी देर में अंजू भाभी आ गयी और मैने डोर खोला.
वह घर में आई और रश्मि के पास जा के बैठ गयी, और में भी उठ कर अंदर वाले रूम में आ गया.
में : भाभी क्या बात हे? आज तो आप बहोत अच्छी तयार हो कर आई हो कही भैया के साथ बहार जाने का प्लान हे क्या?
भाभी : अरे वो कहा मुझे लेकर जायेंगे उनके पास तो टाइम ही नही हे.
रश्मि : हां भाभी मुझे भी यही लग रहा था की आप कही बहार जा रही होगी.
भाभी : अरे में कहा जाउंगी वह मुझे कही लेकर जाए तो जाऊ ना, वह तो मुझे कही भी लेकर नहीं जाते हे.
में : तो चलो में आपको ले चलता हु.
भाभी : तुम मुझे कहा लेकर जाओगे?
में : लवर्स पॉइंट पर.
भाभी : अगर तुम्हारे भैया को पता चला ना तो तुम्हारा कुछ नही पर मरा चेहरा जरुर लाल कर देंगे.
रश्मि : उसमे क्या भाभी, तुम देवर के साथ हो तो जाओगी और कोई पराया थोड़ी ना हे.
भाभी : मैने तो उनको छोड़ के किसी के भी साथ कभी नहीं जा सकती, में मन में सोच रहा था की साली कितनी बड़ी रंडी हे रोज चुद्वाती हे मेरे से और अभी सती सावित्री बन रही हे.
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रश्मि : बेठो में चाय बना देती हु, रश्मि किचन में गयी तो मैने भाभी को एक लिप किस किया, और भाभी ने मेरे हाथ में से मेरा मोबाईल एकदम से छीन लिया और बोली.
भाभी : दीदी यह मोबाईल देखो तो यह कोनसा वीडियो देख रहे थे, मुझे नहीं मालुम था की यह रंडी कोई चाल चल रही हे, मेरी तो गांड फट गई क्योंकि ने पोर्न देख रहा था, में मोबाईल छिनने की कोशिश करने लगा लेकिन भाभी ने मेरा मोबाईल ब्लाउज में रख दिया और इतनी देर में रश्मि भी आ गयी.
रश्मि : क्या हुआ भाभी? बताऊ दीदी को क्या देख रहे थे?
में : मेरा मोबाईल दे दो नहीं तो में निकाल लूँगा, और मेरी बहन वही खड़ी खड़ी हस रही थी.
भाभी : हिम्मत हे तो निकाल के दिखाओ और नही निकाल सकते तो में दीदी को बोल दूंगी के तुम क्या देख रहे थे.
रश्मि : भाभी यह क्या कर रहा था जरा मुझे भी तो बताओ?
में : मोबाईल दो मेरा.
भाभी : निकाल लो हिम्मत हे तो, मेरी तो अब गांड फटने लगी थी क्योंकि रश्मि और घर के बाकि लोगो के सामने हमारा रिश्ता अभी भी भाभी और देवर का ही हे, लंड और चूत का नहीं. मैने कहा अगर रश्मि नही होती तो में निकाल लेता.
भाभी : समज लो दिदि यहाँ पर नहीं हे निकाल लो, हे हिमत?
रश्मि : तुम दोनों जानो के क्या करना हे, मेरी तो चाय पक रही हे, रश्मि किचन में गई और मैने भाभी की ब्लाउज में हाथ डाल दिया.
में : मेरा मोबाइल दो.
भाभी : में नहीं दूंगी ऐसा बोल कर वह मोबाईल को हाथ से दबाने लगी थी, हम दोनों मोबाईल के लिए इतनी कशमकश कर रहे थे की भाभी कब बेड पर लेट गई और में उनके उपर चढ़ कर उनके ब्लाउज में से मोबाइल निकाल ने की कोशिश कर रहा था यह मुझे कुछ भी पता नहीं चला.
रश्मि : ये लो चाय पि लो तुम. रश्मि ने हम को ऐसे देख लिया पर वह कुछ भी नही बोली क्योंकि उसे लगा की हम लोग मस्ती कर रहे हे.
भाभी : यह ले लो, मुझे तुम्हारा मोबाइल नहीं चाहिए में तो ऐसे दस खरीद लुंगी तुम्हारे भैया से बोल के.
रश्मि : आज पहली बार तुमको ऐसा इतनी मस्ती करते हुए देखा हे वरना कभी भी ज्यादा बात नही करते हो आप, ऐसा क्या हे इस मोबाइल में?
भाभी : इनकी गर्ल फ्रेंड के फोटो देख रहे थे बिना कपडे वाले, ऐसा बोल के वह हस दी, और में भी शरमा गया. दीदी आपका मोबाईल दो ना मुझे आपके भैया को फोन लगाना हे. रश्मि ने मोबाइल दे दिया लेकिन भाभी ने उसे भी ब्लाउज में रख लिया और बोली.
में घर जाकर देखूंगी के इसमें किसके किसके फोटो हे.
रश्मि : यही पर देख लो ना उसमे कुछ भी नही हे.
थोड़ी देर के बाद भाभी रश्मि का मोबाइल देकर चली गई और तब तक माँ भी आ चुकी थी, और इसी तरह रोज दिन में में और भाभी बहन के सामने मस्ती करते थे और धीरे धीरे मेरी बहन को हम पर शक होने लगा था, क्योंकि जब भी मेरी बहन ऑफिस से घर पर आती तब मेरी बहन यही पर मिलती थी. और में आज कल घर में शर्ट निकाल कर घुमने लगा था.
एक दिन भाभी ने मुझे बताया की जब में घर में नहीं था तब उनके और रश्मि के बिच क्या बात हुई.
भाभी : आप को कोई बॉय फ्रेंड हे की नहीं?
रश्मि : नही, क्यों?
भाभी : क्या दीदी आप भी ना इतनी सुंदर हो और जूठ मत बोलो.
रश्मि : नही हे भाभी, लेकिन आपका शादी से पहले जरुर रहा होगा, और वह कुछ बोली नही और स्माइल देने लगी.
रश्मि : अच्छा तो सच में था मतलब.
भाभी : हां, लेकिन तुम्हारे भैया को यह बात पता नही चलनी चाहिए.
रश्मि : अरे वह पहले था ना और आब कहा से पता चलेगा.
भाभी : अब भी मेरा एक हे.
रश्मि : क्या, कोन भाभी,
भाभी : हे कोई.
रश्मि : भाभी यह गलत हे और भाई को पता चल गया तो?
भाभी : तुम्हे नही पता चला तो उनको कहा से पता चलेगा?