पड़ोसन की गांड उसी के ब्यूटी पार्लर में मारी
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मेरा नाम संकेत है मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हूं, मेरे पिता का प्रॉपर्टी का काम है और हम लोग लखनऊ में रहते हैं, मेरे पिताजी का प्रॉपर्टी का काम काफी समय से है। मेरी मम्मी घर का काम संभालती हैं और मेरी बहन भी घर पर ही रहती है क्योंकि उसके कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी है, अब उसकी कॉलेज की पढ़ाई हो चुकी है तो वह घर पर ही मम्मी के साथ रहती हैं। मैं अपने कॉलेज जाता हूं और शाम को कॉलेज से वापस लौट आता हूं। मेरी बहन के लिए मेरे पापा ने एक रिश्ता भी देख लिया और वह बहुत ही खुश थे कि उसके लिए उन्होंने एक लड़का देख लिया था क्योंकि मेरे पिताजी चाहते हैं कि वह मेरी बहन की जल्दी से शादी करवा दें और उन्होंने मेरी बहन की सगाई करवा दी।
मेरी बहन की सगाई में हमारे पड़ोस में ही एक महिला रहती हैं वही मेरी बहन को तैयार करने आई थी। उनका नाम तेजल है, वह ब्यूटी पार्लर का काम करती हैं और उनका ब्यूटी पार्लर हमारे कॉलोनी में ही है इसलिए हमने उन्हें ही बुलाया था। जब वह हमारे घर पर आई तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योंकि मैं उन्हें अक्सर देखा करता था और मुझे उन्हें देखना भी बहुत अच्छा लगता था। मैं जब भी तेजल को देखता हूं तो मुझे उन्हें देखकर एक खुशी मिलती है। वह जब हमारे घर पर आई तो उस दिन मेरी उनसे बहुत बात हुई, उससे पहले मैंने उनसे कभी भी इतनी बात नहीं की थी। वह मेरी बहन को तैयार कर रही थी इसलिए मेरी उनसे बहुत बात हो रही थी। मेरा उनसे उस दिन अच्छा परिचय हो गया था। मेरे पिताजी ने उन्हें कहा कि शादी के समय भी तुम्हें ही हमारी बेटी को तैयार करना है और तुम्हे ही उसको अच्छे से तैयार करना है, वह कहने लगी की आप मुझे बता देना जब भी आना हो मैं उस दिन समय से आ जाऊंगी। अब वह यह कहते हुए चली गई और मेरे पापा ने उन्हें पैसे दे दिए। मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई में ही लगा हुआ था क्योंकि हमारे एग्जाम नजदीक आने वाले थे इसलिए मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा था और उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि मैं किसी तरीके से पास हो जाऊं क्योंकि मैंने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की थी और मेरे पास नोट्स भी नहीं थे इसलिए मैं अपने दोस्तों के पास जाकर नोट्स ले रहा था, मैं उनसे ही मदद ले रहा था।
मैंने अपने कॉलेज से कई दिन बंक भी मारे थे इसीलिए मुझे मेरे टीचर भी पसंद नहीं करते थे लेकिन मैंने अपने दोस्तों से नोट्स तैयार करवा लिया और मैं पढ़ाई करने लगा। मेरे पेपरों के दौरान मैं घर से बाहर कहीं भी नहीं निकला क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मेरे पेपर में कम नंबर आए इसीलिए मैंने बहुत ज्यादा तैयारी की। जब मैंने तैयारी कर ली तो मेरे पिताजी मुझे कहने लगे कि तुम बहुत ही अच्छे से आजकल पढ़ाई कर रहे हो, मैंने अपने पिताजी को बताया कि मेरे एग्जाम नजदीक है इसीलिए मैं पढ़ाई कर रहा हूं। वह बहुत ही खुश है और कहने लगे यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम पढ़ाई कर रहे हो, नहीं तो तुम इधर उधर ही घूमते रहते हो। मैंने अपनी बहन से उस वक्त बहुत मदद ली और उसने भी मेरी बहुत मदद की क्योंकि मैंने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की थी इसी वजह से मैंने उससे मदद मांगी तो उसने मुझे कहा कि मैं तुम्हारी हेल्प कर देती हूं। उसने मेरी नोट्स बनाने में मेरी बहुत मदद की थी। अब मेरे एग्जाम हो चुके थे और मैं घर पर ही था। हमारे कॉलेज की छुट्टियां थी और मैं अब घर पर ही रहता था इसलिए मैं शाम को हमेशा अपने छत पर चला जाता था या फिर अपने दोस्तों के पास चले जाता। जब मैं अपने दोस्त के पास जाता तो उस वक्त मैं तेजल के ब्यूटी पार्लर से होकर ही गुजरता था। वह जब भी मुझे देखती तो मैं उसे देखकर खुश हो जाता था और मैं उसे कभी कबार बात कर लिया करता था लेकिन वह मुझसे ज्यादा बात नहीं करती थी। एक दिन मेरे दोस्त की बहन की भी शादी थी तो मैं तेजल के पास चला गया और उससे पूछने लगा कि आप मुझे अपना रेट कार्ड दे दीजिए मैं अपने दोस्त से इस बारे में बात कर लूंगा और आपको भी वहां पर बुकिंग मिल जाएगी।
उन्होंने मुझे कहा कि तुम मुझे अपने साथ ही उनके घर पर ले चलना, मैं उन्हें सारी चीज समझा दूंगी। मैंने कहा ठीक है आप मेरे साथ ही उनके घर पर चल लेना। मैं उन्हें अपने साथ ही अपने दोस्त के घर पर ले गया, जब मैं उन्हें अपने दोस्त के घर ले गया तो मैंने अपने दोस्त के पिताजी से तेजल की मुलाकात करवा दी। वह उसे पूछने लगे कि हमारी बेटी की शादी कुछ समय बाद है तो आप यदि उसे तैयार करती है तो आप कितना चार्ज करेंगे, उसने बता दिया कि मैं आपको सबसे कम रेट लगा दूंगी क्योंकि मैं संकेत के घर के पास ही रहती हूं इसलिए आप उसकी बिल्कुल भी चिंता मत कीजिए। अब हम लोग वहां से वापस आ गए और मैंने तेजल को शादी की बुकिंग भी दिलवा दी थी, वह बहुत खुश थी और मुझे कहने लगी कि तुमने मुझे शादी की बुकिंग दिलवाई है तो मुझे उसके बदले तुम्हे कुछ पैसे देने चाहिए। मैंने उसे कहा कि मुझे उसके बदले कुछ भी नहीं चाहिए। मेरी बात अब तेजल से होने लगी थी और जब भी मैं उसके ब्यूटी पार्लर के सामने से गुजरता था तो वह मुझे बुला लिया करती और मुझसे बात करती थी। मुझे भी तेजल से बात करना बहुत अच्छा लगता था क्योंकि मैं उसे पसंद करता था परंतु उसकी शादी हो चुकी है, फिर भी ना जाने मेरे दिल में उसके लिए क्यों एक अलग तरीके की फीलिंग थी। एक दिन वह मुझे कहने लगी कि मुझे तुम्हारे उस दोस्त के पिता जी का फोन आया था और वह कह रहे थे कि उनकी लड़की की शादी अगले महीने है। मैंने उसे कहा कि हां उनकी शादी अगले महीने ही है।
उसने मुझे अपने ब्यूटी पार्लर में बुला लिया और मैं उससे बैठकर बातें कर रहा था वह बहुत खुश थी क्योंकि मैंने उसे बुकिंग दिलवाई थी। वह मेरे बगल में ही बैठी हुई थी और मेरी आंखों के सामने उसके स्तन दिखाई दे रहे थे मैंने जब अपने हाथ उसके चूचो पर लगाया तो वह समझ चुकी थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाला तो तेजल ने अपने हाथों में मेरे लंड को ले लिया और उसे हिलाना शुरू कर दिया। हिलाते हिलाते उसने अपने मुंह के अंदर मेरे लंड को ले लिया और बहुत अच्छे से मेरे लंड को चूसने लगी काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा जिससे कि मेरा पानी भी निकलने लगा। मैंने उसकी सलवार को नचे उतार दिया और उसकी गांड को चाटने लगा। मैंने बहुत देर तक उसकी गांड को चाटा और वह भी पूरे मूड में आ गई मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि उसकी गांड बहुत ही बड़ी थी और मैं जब उसे अपने हाथ से पकड़ता तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था मैंने उसकी गांड पर अपने दांत के निशान भी मार दिए। वह मुझे कहने लगी कि मैं तुम्हें एक चीज देती हूं तुम उसे अपने लंड पर लगा लो ताकि तुम्हें मेरी गांड मारने में मजा आए। उसने मुझे एक लिक्विड दिया मैंने उसे अपने लंड पर अच्छे से लगा लिया और मैंने थोड़ा बहुत उसकी गांड के ऊपर भी लगा दिया। जब मैंने अपना लंड तेजल की गांड के अंदर उतरा तो वह चिल्ला उठी मेरा पूरा लंड तेजल की गांड के अंदर जा चुका था। वह पूरे मूड में आ गई और मुझे भी बहुत मजा आ रहा था जब मैं तेजल की गांड मार रहा था। मुझे इतना मजा आता कि वह भी अपनी गांड को मुझसे टकराने लगी और मुझे कह रही थी तुम तो मेरी गांड बहुत ही अच्छे से मार रहे हो। मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें और भी बुकिंग दिलवा दूंगा और उसके बदले मैं तुम्हारी गांड मारूंगा। वह बहुत खुश हो रही थी और कह रही थी तुम मेरी गांड फ्री में ही मार लो मुझे तुम कोई बुकिंग भी मत दिलवाना क्योंकि उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और वह अपनी गांड को मुझसे टकराने पर लगी हुई थी। मैंने भी उसे बड़ी तेजी से झटके देना शुरू कर दिया और इतनी तेज गति से मैं उसे धक्के मार रहा था कि अब उससे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने अपने वीर्य को तेजल की गांड के अंदर ही डाल दिया। वह बहुत खुश हो गई उसने मुझे अपने गले लगा लिया उसके बाद से मैं अक्सर तेजल के ब्यूटी पार्लर में जाता हूं।