विनीता को खुश किया | Hindi Sex Stories

विनीता को खुश किया

Antarvasna, hindi sex stories: मेरे दोस्त रचित ने मुझे अपने घर पर डिनर के लिए इनवाइट किया था मैं और मेरी पत्नी विनीता हम दोनों जब रचित के घर गए तो रचित की पत्नी और रचित बड़े ही खुश थे। हम लोगों ने उनके साथ में काफी अच्छा समय बिताया उसके बाद हम लोग घर लौट आए थे। जब हम लोग घर लौटे तो उस वक्त काफी देर हो चुकी थी और काफी रात हो गई थी। हम लोग घर आए तो मुझे अगले दिन अपने ऑफिस जल्दी जाना था इसलिए मैं सो चुका था और अगले दिन मैं अपने ऑफिस जल्दी निकल गया था। जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन मुझे ऑफिस में काफी काम था और घर लौटने में मुझे काफी देर हो गई थी जिस वजह से मुझे मेरी पत्नी विनीता ने कहा कि आज आप काफी देरी से घर आ रहे हैं। मैंने विनीता को कहा कि ऑफिस में आज काफी ज्यादा काम था इस वजह से मुझे घर आने में देर हो गई। विनीता और मेरे बीच काफी अच्छी बनती है और हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं। मैं और विनीता एक दूसरे के साथ जब भी होते हैं तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता है और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश हैं।
जिस तरीके से मैं और विनीता एक दूसरे के साथ अपने शादीशुदा जीवन को आगे बढ़ा रहे हैं उससे हम दोनों की जिंदगी अच्छे से चल रही है और हमारे जीवन में बहुत ही खुशियां हैं। मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूं और मैं जिस कंपनी में जॉब करता हूं उस कंपनी में मुझे जॉब करते हुए करीब 5 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। इन 5 वर्षों में मेरे जीवन में काफी कुछ बदलाव आया है मेरी शादी को दो वर्ष हो चुके हैं और जब से मेरी जिंदगी में विनीता आई है तब से मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चलने लगा है और पापा मम्मी भी बड़े खुश हैं। हालांकि पापा मम्मी हम लोगों के साथ नहीं रहते हैं लेकिन फिर भी जब वह लोग लुधियाना आते हैं तो उन लोगों को बड़ा ही अच्छा लगता है और मुझे भी बहुत अच्छा लगता है जब भी पापा मम्मी हम लोगों से मिलने के लिए लुधियाना आया करते हैं। एक दिन मैं और विनीता साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे विनीता ने मुझे कहा कि क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए दिल्ली हो आए। मैंने भी विनीता से कहा कि तुम ठीक कह रही हो कि हम लोगों को कुछ दिनों के लिए दिल्ली चले जाना चाहिए।
पापा और मम्मी से मिले हुए भी काफी टाइम हो चुका था इसलिए मैंने और विनीता ने सोचा कि क्यों ना हम लोग कुछ दिनों के लिए दिल्ली हो आये। मैं जब अगले दिन अपने ऑफिस गया तो मैंने ऑफिस से ही ट्रेन की टिकट बुक कर दी थी और मैं कुछ दिनों के बाद अपनी पत्नी विनीता के साथ दिल्ली जाने का प्लान बना चुका था। हम लोग कुछ दिनों के बाद जब दिल्ली गए तो पापा और मम्मी बड़े खुश थे। जब हम लोग पापा मम्मी को मिले तो वह लोग हमें कहने लगे कि तुम लोग कितने समय बाद हम लोगों से मिलने के लिए आ रहे हो। पापा अभी भी अपनी जॉब से रिटायर नहीं हुए हैं इसीलिए वह लोग दिल्ली में रहते हैं पापा एक वर्ष बाद रिटायर होने वाले हैं। पापा और मम्मी चाहते हैं कि जब वह रिटायर हो जाए तो उसके बाद वह लोग हमारे साथ लुधियाना में ही रहे। मैं कुछ दिनों तक घर पर ही रहने वाला था। मैं काफी समय से अपनी बहन विनीता को भी नहीं मिल पाया था तो मैंने सोचा कि क्यों ना मैं विनीता को मिलने के लिए जाऊं। मैं और मेरी पत्नी विनीता विनीता को मिलने के लिए चले गए।
विनीता मुझसे उम्र में 3 वर्ष छोटी है और उसकी शादी पिछले वर्ष ही हुई है। जब हम लोग विनीता से मिलने के लिए उसके घर पर गए तो वह काफी खुश थी और मुझे इस बात की बहुत खुशी थी की विनीता की जिंदगी अच्छे से चल रही है और उसके पति उसका बहुत ध्यान रखते हैं। उसकी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा है विनीता से मिलकर मैं और विनीता काफी खुश थे। काफी समय बाद मैं विनीता को मिला था इसलिए मुझे बड़ा ही अच्छा लगा था जिस तरीके से मैंने विनीता से मुलाकात की और विनीता भी बड़ी खुश थी। मैं और विनीता घर लौट आए थे हम लोग जितने दिन भी दिल्ली में रहे उतने दिन हम लोग बड़े ही खुश थे और उसके बाद हम लोग लुधियाना वापस लौट आए थे। जब हम लोग लुधियाना लौटे तो एक दिन विनीता की तबीयत अचानक खराब हो गयी उसकी तबियत कुछ ठीक नहीं थी। विनीता ने मुझे कहा कि आज आप ऑफिस से छुट्टी ले लीजिए तो मैंने भी उस दिन ऑफिस से छुट्टी ले ली थी।
मैं उस दिन विनीता के साथ ही समय बिताना चाहता था और विनीता को मैं डॉक्टर के पास भी लेकर गया था। डॉक्टर ने विनीता को कुछ दवाइयां दी और वह अब ठीक हो चुकी थी। विनीता का बुखार ठीक हो चुका था और अगले दिन से मैं अपने ऑफिस जाने लगा था जब विनीता की तबियत ठीक हो गयी तो मैं बड़ा ही खुश था और विनीता भी बहुत ज्यादा खुश थी। हम दोनों के जीवन में बड़ी ही खुशियां हैं और हम दोनों बहुत ही अच्छे तरीके से एक दूसरे के साथ में समय बिताते हैं। जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ होते हैं तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता है। काफी दिन हो गए थे मैं अपने दोस्त रचित को भी नहीं मिला था। मैं जब अपने दोस्त रचित को मिलने के लिए उसके घर पर गया तो रचित काफी परेशान था मैंने रचित को उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसकी बहन और उसके पति के बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। इस वजह से रचित काफी ज्यादा परेशान था और उसकी फैमिली में भी काफी ज्यादा तनाव था। मैंने रचित को समझाया और कहा कि तुम्हें अपनी बहन और उसके पति से इस बारे में बात करनी चाहिए तो रचित ने भी कहा कि हां तुम ठीक कह रहे हो।
अगले दिन जब रचित ने उन लोगों से बात की तो उन लोगों के बीच में कुछ भी ठीक नहीं था लेकिन धीरे धीरे अब उन लोगों के बीच में सब कुछ ठीक होने लगा था जिससे कि रचित भी काफी खुश था। रचित मुझे कहने लगा कि यह सब तुम्हारी वजह से ही हुआ है। मैंने रचित को कहा कि मेरी वजह से कुछ भी नहीं हुआ है अगर तुम अपनी बहन और उसके पति से बात नहीं करते तो शायद उन लोगों के बीच और भी ज्यादा झगड़े बढ़ जाते जो कि बाद में ठीक नहीं हो पाते तुमने बहुत ही सही किया जो तुमने अपनी बहन और उसके पति से इस बारे में बात की। अब रचित बड़ा खुश था वह हमारे घर पर भी अक्सर आता रहता है। जब भी वह घर पर आता है तो मुझे काफी अच्छा लगता है और वह भी बहुत खुश रहता है जब भी वह मुझसे मिलता है। विनीता और मैं एक दिन विनीता की दीदी के घर पर गए हुए थे। जब हम लोग विनीता की दीदी के घर गए तो उस दिन विनीता और मैं रात के वक्त एक दूसरे के साथ लेटे हुए थे। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे मेरा हाथ विनीता के स्तनों पर था। विनीता ने अपने बदन से कपड़े उतारने शुरू कर दिए थे वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था ना ही विनीता अपने आपको रोक पा रही थी। विनीता ने अपने बदन से कपड़े उतारे तो मै उसके बदन को देखना लगा था। मैं उसके बदन को महसूस करने लगा था वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी वह मेरी गर्मी को बढाने लगी थी। विनीता का बदन बहुत ज्यादा गर्म हो चुका था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मै बहुत ज्यादा गरम हो चुका था।
विनीता ने मुझे कहा मेरी योनि को चाट लो मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रही हूं। विनीता कि तडप को मैं समझ सकता था जब मैंने विनीता की चूत को चाटना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। विनीता को भी बड़ा अच्छा लग रहा था। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे थे अब हमारी तडप बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने विनीता के सामने लंड को किया तो वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे लंड को सकिंग करना चाहती हूं। उसने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था। जब वह मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे मजा आने लगा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को सकिंग कर रही थी। उसने काफी देर तक ऐसा ही किया फिर वह पूरी तरीके से गरम होती चली गई। जब वह गर्म हो गई तो वह बिल्कुल भी रह ना सकी। मैंने उसे कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है अब मैंने उसकी योनि पर लंड को लगाया। मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर चला गया था वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोलने लगी मेरी चूत से खून निकाल रहा है।
मैंने जब उसकी योनि को देखा तो उसकी योनि से खून की पिचकारी बाहर निकल रही थी वह चिल्ला रही थी और मुझे मज़ा आ रहा था। उसे बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। मै विनीता को बड़ी तेज गति से धक्के दिए जा रहा था वह मुझे कहती तुम मुझे और तेजी से चोदो। मै उसे तेजी से धक्के दे रहा था। मैंने उसे काफी देर तक ऐसे ही धक्के दिए जब उसने मुझे अपने पैरो के बीच मे जकडना शुरू कर दिया तो मुझे लगने लगा शायद मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा मेरा वीर्य अब उसकी चूत मे गिर चुका था। जैसे ही मैंने अपने माल की पिचकारी को विनीता की योनि में गिराया तो वह खुश हो गई थी लेकिन उसके बाद भी उसकी इच्छा पूरी नहीं हुई थी वह मेरे साथ सेक्स करना चाहती थी। मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को सटाया और उसकी योनि  के अंदर लंड को डाल दिया। मैनै उसे दोबारा चोदना शुरू कर दिया था जब मैं उसे चोद रहा था मुझे मजा आने लगा था और वह खुश हो गई थी। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मै विनीता के साथ अच्छे से सेक्स कर पा रहा था। मैंने काफी देर तक उसके साथ सेक्स के मजे लिए मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जब मैंने ऐसा किया। जब मेरे माल की पिचकारी गिर गई तो मैं खुश हो गया और वह भी खुश हो गई थी।