विदिशा की चिकनी चूत का जलवा
Antarvasna, kamukta: मैं और कोमल कॉलेज में साथ ही पढ़ा करते थे लेकिन हम दोनों की पढ़ाई के बाद हम दोनों की मुलाकात हो नहीं पाई। एक दिन मैंने कोमल से बात की जब मैंने कोमल को फोन किया तो पहले उसने मेरा फोन नहीं उठाया मैंने कोमल को फिर दोबारा फोन किया लेकिन फिर भी उसने फोन नहीं उठाया था। उसके बाद जब मुझे कोमल का फोन आया तो मैंने कोमल से कहा कि कोमल आज मुझे तुम्हारा नंबर राधिका ने दिया था। कोमल मुझे कहने लगी कि तुमने मुझे कितने सालों बाद फोन किया है मैंने कोमल को कहा कि हां कोमल मुझे पता है। हम लोगों की फैमिली अब कोलकता शिफ्ट हो चुकी थी इसलिए मेरी कोमल से बात भी नहीं हो पाती थी और मैं अपने काम के चलते भी बिजी रहता था। मैंने उस दिन कोमल के साथ काफी बातें की कोमल ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए शायद कोलकाता आ सकती है। मैंने कोमल से कहा लेकिन कोलकाता में क्या तुम किसी जरूरी काम से आ रही हो तो वह मुझे कहने लगी कि नहीं गगन लेकिन हो सकता है कि मैं कोलकता आ जाऊं। कोमल के कोलकता आने की संभावना कम ही थी लेकिन जब कोमल कोलकता आई तो उसने मुझे फोन किया। जब उसने मुझे फोन किया तो मैंने कोमल का फोन उठाते हुए कहा हां कोमल कहो तो कोमल मुझे कहने लगी कि मैं कोलकाता में हूं।
कोमल ने मुझसे जब यह कहा तो मैं कोमल को मिलने के लिए चला गया मुझे काफी अच्छा लगा जब मैं कोमल को मिला, कोमल भी मुझसे मिलकर बहुत खुश थी। कोमल ने मुझे कहा कि कितने साल बाद मेरी तुम से मेरी मुलाकात हो रही है मैंने कोमल को कहा कोमल मुझे भी इतने समय बाद तुमसे मिलकर बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने कोमल को पूछा कि क्या तुम यहां किसी जरूरी काम से आई हो तो उसने मुझे बताया कि हां मैं अपने ऑफिस के काम से आई हुई हूँ। मैंने कोमल को कहा तुम कौन से होटल में रुकी हो तो कोमल ने मुझे बताया कि मैं यहीं पास में रुकी हुई हूं मैंने कोमल को कहा ठीक है तुम डिनर के लिए शाम के वक्त घर पर आना। शाम के वक्त कोमल डिनर के लिए घर पर आई पापा और मम्मी कोमल से पहले भी मिल चुके थे क्योंकि कोमल हमारे घर पहले भी आ चुकी थी। कोमल तीन दिनों तक कोलकाता में रही मैं कोमल से मिलकर काफी खुश था कोमल से मिलकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा और उसके बाद कोमल चली गई। कोमल और मेरी फोन पर बातें होने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से फोन पर बातें करते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता लेकिन अब मुझे लगने लगा था कि कोमल को मैं पसंद करने लगा हूं। क्योंकि मेरे दिल में अब कोमल के लिए कुछ तो चल रहा था और यह बात मैं कोमल को बताना चाहता था लेकिन उससे पहले ही कोमल ने मुझे कहा कि उसकी सगाई होने वाली है।
मैंने उसके बाद कोमल से इस बारे में कुछ नहीं कहा मुझे लगा कि अब कोमल से यह सब कहना ठीक नहीं होगा इसलिए मैंने उसके बाद कोमल से कभी भी इस बारे में कुछ नहीं कहा। कोमल कि अब सगाई हो चुकी थी और जल्द ही उसकी शादी होने वाली थी कोमल मुझसे बात किया करती तो उसे अच्छा लगता और मुझे भी काफी ज्यादा अच्छा लगता। कोमल ने अपनी शादी में मुझे इनवाइट किया तो मैंने भी कोमल से कहा मैं तुम्हारी शादी में जरूर आऊंगा। मैं कोमल की शादी में जाना चाहता था और जब मैं कोमल की शादी में दिल्ली गया तो मुझे इस बात की खुशी थी कि कोमल अब अपना नया जीवन शुरू करने जा रही है। मैंने कोमल को उसके नए जीवन की शुभकामनाएं दी और कहा कि मैं चाहता हूं कि तुम अपनी जिंदगी में हमेशा खुश रहो। कोमल की शादी हो चुकी थी और उसके बाद मैं कोलकाता लौट आया कोलकता लौटने के बाद मैंने कोमल के बारे में सोचना छोड़ दिया था। हालांकि कोमल और मेरी फोन पर अक्सर बात हो जाया करती थी जब भी मेरी कोमल से बात होती तो मुझे बहुत अच्छा लगता था और कोमल को भी अच्छा लगता। कभी भी वह दुखी होती या फिर उसे कोई परेशान होती तो वह मुझे फोन कर लिया करती। कोमल अपनी शादीशुदा जिंदगी से बहुत ही खुश थी और उसे इस बात की खुशी थी कि उसके पति उसका बहुत ध्यान रखते हैं।
मैंने भी अब शादी करने के बारे में सोच लिया था क्योंकि मेरे परिवार वाले मुझे कह रहे थे कि मैं भी अब शादी कर लूं इसलिए मैंने भी अब लड़की देख ली थी और मेरी उससे सगाई हो गई। मेरी सगाई विदिशा के साथ हो चुकी थी विदिशा मेरी बहन के ऑफिस में जॉब करती है और अब हम दोनों की सगाई हो गई थी और विदिशा के साथ मैं अक्सर बातें किया करता तो मुझे उससे बात कर के अच्छा लगता। कोमल का मुझे जब भी फोन आता तो मैं उससे भी बात किया करता लेकिन अभी भी मैं समझ नहीं पा रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए क्योंकि मेरे दिल में अभी भी कहीं ना कहीं कोमल को लेकर कुछ तो था परंतु मैंने अब सोचा कि मुझे आगे बढ़ जाना चाहिए और विदिशा ही मेरी जिंदगी में अब सब कुछ थी। हम दोनों की शादी हो गई विदिशा के साथ मेरी शादी हो जाने के बाद मैं काफी खुश था और हम दोनों की जिंदगी अच्छे से चलने लगी थी। पापा और मम्मी भी इस बात से काफी ज्यादा खुश थे कि विदिशा और मेरी शादी हो चुकी है। शादी के बाद विदिशा ने अपनी जॉब भी छोड़ दी थी वह घर पर ही रहती थी और पापा मम्मी की देखभाल किया करती। विदिशा और मेरे बीच बहुत प्यार है हम दोनों एक दूसरे को हमेशा ही खुश रखते हैं। विदिशा और मेरे बीच कई बार सेक्स संबध भी बन चुके हैं हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लेते हैं। एक बार मुझे अपने काम से दिल्ली जाना पडा।
मैं जब दिल्ली गया तो मैं कोमल से मिला कोमल उस वक्त घर पर अकेली थी उसके पति घर पर नहीं थे। उस दिन कोमल के मन में ना जाने क्या चल रहा था वह मेरे मोटे लंड को लेने के लिए तैयार थी। जब महिमा ने मेरे हाथों को पकड़ा तो मुझे कुछ ठीक नहीं लगा। मैंने कोमल के हाथो को सहलाना शुरु किया मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। अब कोमल को भी बहुत अच्छा लग रहा था जिस वजह से हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा लेना चाहते थे।
मैंने विदिशा के होंठों को चूमना शुरू किया मैं जब विदिशा के गुलाबी होंठों का रसपान कर रहा था तो वह तड़पने लगी। मैंने विदिशा को चूमते हुए बिस्तर पर लेटा दिया जब मैं विदिशा के होठों को चूम रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था और विदिशा को भी मज़ा आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लगने लगा है अब विदिशा के अंदर की गर्मी को मैंने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। मैंने विदिशा के स्तनों को दबाना शुरू कर दिया मैं जब विदिशा के स्तनों को दबा रहा था तो मुझे मज़ा आ रहा था और विदिशा को भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था। जब विदिशा और मैं दूसरे की गर्मी को महसूस कर रहे थे तो हम दोनों एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे। विदिशा ने मेरे लंड को पजामे से बाहर निकालते हुए उसे हिलाना शुरू किया। विदिशा अपने कोमल हाथों से मेरे कडक लंड को हिला रही थी। जब विदिशा ऐसा कर रही थी तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था और मेरे अंदर की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी। मैंने विदिशा को कहा मुझे काफी अच्छा लग रहा है विदिशा ने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समा लिया और वह उसे बड़े ही अच्छे से सकिंग करने लगी। जब विदिशा ऐसा कर रही थी तो मुझे अच्छा लग रहा था और विदिशा को भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था।
विदिशा मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है मैंने अब विदिशा की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। वह मुझे कहने लगी आप मेरी चूत के अंदर लंड को घुसा दीजिए। मैंने विदिशा की पैंटी को नीचे उतारकर जब विदिशा की चूत के अंदर अपनी उंगली को घुसाया तो वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे कहने लगी अब मुझे इतना मत तड़पाओ जानू मैं बहुत ही ज्यादा तड़प रही हूं। मैंने भी विदिशा की चूत के अंदर बाहर अपनी उंगली को किया। जब उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी तो मैंने अपने लंड को विदिशा की चूत पर सटाते हुए कहा आज तुम्हारी चूत कुछ ज्यादा ही गर्म महसूस हो रही है। वह कहने लगी आप मेरी चूत की गर्मी को शांत कर दीजिए। मैंने विदिशा की योनि के अंदर अपने मोटे लंड को घुसा दिया, जैसे ही मेरा लंड विदिशा की योनि के अंदर घुसा तो वह जोर से चिल्ला कर बोली बहुत दर्द हो रहा है। मुझे भी अच्छा लग रहा था जब मैं और विदिशा एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा ले रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ खूब सेक्स के मजे लिए। मैं विदिशा को बड़ी तेजी से चोद रहा था विदिशा की गर्मी बढ़ रही थी और वह कहने लगी मुझे और भी तेजी से चोदते रहो। मैंने विदिशा के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया जब मैंने ऐसा किया तो विदिशा की सिसकारियां और भी ज्यादा बढ़ने लगी।
वह मेरी गर्मी को बढ़ाए जा रही थी मैं जब विदिशा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करता तो उसे बहुत ही ज्यादा मजा आता और वह कहती मुझे आप ऐसे ही चोदते जाइए मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। मैंने भी विदिशा को जमकर चोदा जब मैंने उसे धक्के मारने शुरू किए तो वह खुश हो गई और कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है जब आप मुझे चोद रहे हैं। विदिशा की सिसकारियां बढ रही थी और मेरे अंडकोष से मेरा माल भी बाहर की तरफ आने के लिए बेताब था। मैंने विदिशा की चूत मे अपने माल को गिराया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा। मैंने विदिशा को कहा मेरे अंदर की गर्मी अब बढ चुकी है और मैं काफी ज्यादा खुश हूं। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लिया और जमकर एक दूसरे के साथ हमने सेक्स किया। मेरा माला विदिशा की चूत में जा चुका था और विदिशा की गर्मी को मैं शांत कर चुका था। विदिशा को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा जब मैंने और विदिशा ने एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लिया। विदिशा और मैं एक दूसरे के साथ सेक्स कर के बहुत ज्यादा खुश रहते। अब मैं वापस पुणे लौट आया था लेकिन विदिशा कि मुझे बड़ी याद आती और मैं उसे बहुत मिस किया करता।