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मेरा नाम आयुष है और मैं मेरठ का रहने वाला हूं। मुझे कहीं पर भी कोई अच्छी नौकरी नहीं मिल रही थी और मैं अपनी बेरोजगारी से बहुत ही परेशान हो चुका था। मेरी उम्र भी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए। मैं छोटी मोटी नौकरियां तो कर लेता था लेकिन मुझे उस हिसाब से सैलरी नहीं मिल पाती थी और ना ही मैं अपना जीवन अच्छे से गुजार पा रहा था। मैं इस चिंता से बहुत ही ग्रसित रहना लगा और मुझे अपने आप पर कभी बहुत ज्यादा दया भी आती थी। मैं सोचता था कि कहीं मैं इस टेंशन में कुछ गलत ना कर बैठूं। क्योंकि मैंने बहुत अच्छी पढ़ाई की थी उसके बावजूद भी मुझे कहीं पर अच्छी नौकरी भी नहीं मिल पा रही थी और ना ही मेरे पास इतने पैसे थे कि मैं कुछ अपना काम कर सकूं। इसलिए मैं बहुत ज्यादा परेशान था और हमारे घर की आर्थिक स्थिति भी कुछ इतनी ज्यादा अच्छी नहीं थी। हम लोग मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं और मेरे पिताजी भी एक स्कूल में चपरासी थे। इसलिए मुझे कुछ अच्छा ही करना था। क्योंकि मेरे ऊपर मेरी बहन की शादी की जिम्मेदारी भी थी और अपनी खुद की भी जिम्मेदारी थी। क्योंकि मेरे सामने मेरा पूरा भविष्य था और मैं नहीं चाहता था कि मेरा भविष्य अंधकार में जाए या फिर मैं किसी भी तरीके से टेंशन में रहूं लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए। एक दिन मुझे मेरे पुराने दोस्त का फोन आ गया और वह मुझसे पूछने लगा कि तुम क्या कर रहे हो। मैंने उसे कहा कि अभी तो फिलहाल एक छोटी मोटी नौकरी करके गुजारा कर रहा हूं लेकिन मेरा गुजारा नहीं हो पा रहा है।
मैं अपने आप से बहुत परेशान हो चुका हूं और मैं बहुत थक चुका हूं। कभी कबार ऐसा लगता है कि मैं कहीं कुछ गलत ना कर बैठूं। वह मुझे कहने लगा कि तुमने इतनी जल्दी हार मान ली। यह तुम्हारे लिए अच्छा नहीं है। तुम्हें कुछ अच्छा करना चाहिए और अभी तुम्हारी पूरी जिंदगी पड़ी है। मैंने उसे कहा कि मुझे को क्या करना चाहिए। वह मुझे कहने लगा कि तुम एक काम करो, मेरे पास बेंगलुरु आ जाओ। मैं तुम्हें कहीं अच्छी जगह पर लगा देता हूं। पहले मैं सोचने लगा कि बेंगलुरु तो काफी दूर हो जाएगा लेकिन फिर मुझे बाद में अपनी स्थिति का भी अंदाजा था और मुझे यह भी लग रहा था की यदि मैं यही पर रहा तो शायद कुछ अच्छा नहीं कर पाऊंगा। अब मैं अपने दोस्त मनीष के पास बेंगलुरु चला गया और जब मैं बेंगलुरु पहुंचा तो मैंने उसे फोन किया। उसने मुझे अपना एड्रेस मैसेज किया और मैं उस एड्रेस पर पहुंच गया। जब मैं उससे मिला तो मैं बहुत खुश हुआ और वह कहने लगा कि तुम चिंता मत करो। मैं तुम्हारे लिए कहीं अच्छी जगह पर बंदोबस्त कर दूंगा। जहां पर तुम कहीं अच्छी नौकरी कर पाओगे। मुझे उस पर पूरा यकीन था। क्योंकि वह बहुत ही अच्छे से अपना जीवन यापन कर रहा था और वह बहुत अच्छे पैसे कमाता था। उसके पास एक बड़ी सी गाड़ी भी थी और उसका रहन-सहन भी बहुत अच्छा था। मैं वह सब देख कर बहुत ही अचंभित हो गया और उसे कहने लगा कि तुम्हारी स्थिति भी घर में कुछ अच्छी नहीं थी। परंतु तुम अब एक अच्छे तरीके से रह रहे हो। मुझे इस बात का बहुत ही हर्ष है। वह मुझे कहने लगा कि शुरुआत में मुझे बहुत ही तकलीफ हुई थी और मैंने यहां बहुत मेहनत की उसके बाद मुझे अब सफलता मिल गई है। इस वजह से मैं यहां पर अच्छे से रह रहा हूं। वह मुझे उस दिन बेंगलुरु घुमाने लगा। जब मैं बेंगलुरु घूम रहा था तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। बेंगलुरु अपने आप में एक अलग ही तरीके का शहर है और वह मुझे एक बहुत बड़ी सी क्लब में ले गया। उसने उस दिन मुझे वहां जमकर पार्टी करवाई और मैंने उस दिन बहुत ज्यादा शराब पी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैं उसके साथ इंजॉय कर रहा था। मनीष के बहुत ज्यादा खर्चे के थे और मैं उसे देखकर बहुत हैरान हूं कि मनीष मेरी तरह ही मेरठ का रहने वाला एक आम युवा है और उसकी स्थिति भी पहले ठीक नहीं थी। परंतु अब वह बहुत ज्यादा पैसे वाला हो चुका है।
जब हम लोग घर गए तो मुझे वह कहने लगा कि आज हम किसी कॉल गर्ल को बुलाते हैं और उसने एक सुंदर सी लड़की को फोन करके घर पर बुला लिया। जब मैंने उस लड़की को देखा तो मैं दंग रह गया। मैंने अपने दोस्त से कहा कि तुम्हारी दोस्ती ही बदल चुकी है और तुम तो बड़े नवाब वाले शौक कर रहे हो। अब उसने उस लड़की के सारे कपड़े खोल दिया। मेरे सामने वह लड़की एकदम नंगी थी। मैंने उस लड़की को चूसना शुरू कर दिया और उसके स्तन मेरे मुंह के अंदर ले लिए और मैंने उसको जमीन पर लेटा दिया। मैंने जब उसे जमीन पर लेटाया तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। उसका शरीर एकदम मुलायम था मैंने उसे बहुत अच्छे से चूसना शुरू कर दिया। मैंने उसके मुंह में अपने लंड डाल दिया वह इतने अच्छे से मेरे लंड क चूस रही थी मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। और ऐसा लग रहा था कि वह कितने अच्छे से मेरे लंड को चूसती जा रही है। उसका यौवन देखकर मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा गया और मैंने तुरंत ही उसके पैरों को खोलते हुए अपने मोटे लंड को उसकी योनि में डाल दिया। जैसे ही मैंने उसकी योनि में लंड डाला तो मेरा लंड पूरा छिल गया क्योंकि उसकी चूत बहुत ज्यादा टाइट थी। मै उसे बड़ी तीव्र गति से झटके दिए जा रहा था और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था जब मैं उसे धक्के दे रहा था। वह भी बहुत खुश हो रही थी कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने उसे अपने ऊपर से लेटाया और वह अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करती जा रही थी। वह इतने अच्छे से अपनी चूतडो को ऊपर नीचे कर रही थी कि मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। काफी देर तक ऐसा करने के बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में ही मैंने उसकी चूत मे अपने लंड को डाला तो बहुत चिल्ला रही थी और अपनी चूतडो को आगे पीछे करने पर लगी हुई थी। मैने अपने हाथ से दो तीन प्रहार उसकी चूतडो पर कर दिए जिससे किउसकी चूतडे पूरी तरीके से लाल हो चुकी थी। अब मैं उसे बड़ी तेजी से चोदे जा रहा था।
मैं उसे अच्छे से झटके मार रहा था जिससे उसका पूरा शरीर गर्म होने लगा था और वह बहुत ही मजे में आ गई। अब मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और मैं उसे ही झटके देने में लगा हुआ था थोड़ी देर बाद मेरा माल गिरने वाला था और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि बहुत जल्दी गिरने वाला है। मैंने तुरंत अपने लंड को उसके मुंह में घुसेड़ दिया और जैसे ही मैने अपने लंड को उसके मुंह में डाला तो उसे बहुत ही मज़ा आने लगा। वह बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लेकर चूस रही थी लेकिन थोड़ी देर बाद मेरा वीर्य उसके मुंह के अंदर ही गिर गया उसने वह सारा का सारा अपने मुंह में ले लिया। थोड़ी देर बाद मनीष ने भी उसे चोदना शुरू किया और वह उसे अच्छे से चोद रहा था। मैं सोफे में बैठ कर सब कुछ देख रहा था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जब वह उसे चोद रहा था थोड़े समय बाद उसका वीर्य पतन हो गया और वह भी मेरे पास आकर बैठ गया। अब मैंने उससे पूछा कि तुमने इतने सारे पैसे कैसे कमा लिए तो वह कहने लगा कि मैं एक एस्कॉर्ट सर्विस एजेंसी चलाता हूं जिससे मैंने इतने सारे पैसे कमा लिए हैं। मेरे पास बहुत सारे लड़के लड़कियां आते रहते हैं। शुरुआत में मैंने भी अपनी बहुत ज्यादा गांड मरवाई उसके बाद ही मुझे इतनी सफलता मिली और इतने पैसे मैं कमा पाया। तभी तो तुम यह सब गाड़ी और इतना बड़ा घर देख रहे हो। इसके लिए मैंने बहुत ज्यादा मेहनत की है। अब मैं भी उसके साथ एस्कॉर्ट सर्विस में लग गया और मेरे पास भी बहुत सारे पैसे आने लगे। उन पैसों से मैंने भी अपना एक नया घर खरीद लिया है। मैं अब एक जिगोलो बन चुका हूं मनीष ने मेरी बहुत मदद की मेरे जिगोलो बनने में अब मैं अपने आप से बहुत खुश हूं और मेरे घर वाले भी बहुत खुश हैं।
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This entry was posted in Sex stories on August 24, 2019 by admin.