लंड की कलाबाजी | Hindi Sex Stories

लंड की कलाबाजी

Antarvasna, desi kahani: कुछ दिनों पहले ही मैंने नया ऑफिस ज्वाइन किया जिस ऑफिस में मैं जॉब करता हूं वहां पर मेरी काफी अच्छी बातचीत हो गयी थी ऑफिस में लगभग मैं सबको पहचानता था। एक दिन हमारे ऑफिस में काम करने वाले सुधीर ने मुझसे कहा कि राजेश आज तुम मेरे घर पर अपनी पत्नी को डिनर पर लेकर आना मैंने सुधीर से कहा ठीक है। सुधीर ने मुझे अपने घर का एड्रेस दे दिया था और जब मैं शाम के वक्त घर पहुंचा तो मैंने अपनी पत्नी को इस बारे में बता दिया था और उसके बाद हम लोग सुधीर के घर पर डिनर के लिए चले गए। जब हम लोग सुधीर के घर डिनर पर गए तो हम लोगों को काफी अच्छा लगा और डिनर करने के बाद हम लोग उस दिन घर लौट आए थे। सुधीर और उसकी पत्नी ने हम दोनों की काफी अच्छी खातिरदारी की थी जिससे कि मेरी पत्नी और मैं काफी ज्यादा खुश थे। मेरी पत्नी कावेरी और मेरे बीच काफी अच्छी बनती है लेकिन कभी कबार हम दोनों के बीच झगड़े हो जाया करते हैं परंतु उसके बावजूद भी कावेरी और मेरे रिश्ते में कभी भी दूरियां नहीं बनी।
हम दोनों की शादी को 4 वर्ष हो चुके हैं और 4 वर्षों में हम दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी अच्छा समय बिताया लेकिन अब  कावेरी को लगने लगा था कि मैं उसे बिल्कुल भी समय नहीं दे पा रहा हूं। मेरा प्रमोशन हो जाने के बाद ऑफिस में मेरे ऊपर काम को लेकर काफी जिम्मेदारी आने लगी थी जिससे कि मुझे ऑफिस में काम करते करते काफी देर हो जाया करती। कावेरी को इस बात से काफी ज्यादा बुरा लगता और वह हमेशा ही कहती कि आपको मेरा साथ देना चाहिए और आपको मेरे साथ समय बिताना चाहिए। मां और कावेरी के बीच भी अब झगड़ा होने लगा था मैं इस बात से काफी ज्यादा परेशान रहने लगा था। एक दिन कावेरी मुझे बिना बताए अपने मायके चली गई और जब मैंने कावेरी को फोन किया तो वह मुझे कहने लगी कि राजेश मैं अब उस घर में रहना नहीं चाहती हूं। मैं बहुत ज्यादा परेशान था और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर मुझे ऐसी स्थिति में करना क्या चाहिए क्योंकि मेरी मां और मेरी पत्नी के बीच बिल्कुल भी बनती नहीं थी जिस वजह से कावेरी घर छोड़कर जा चुकी थी। मैंने कावेरी को समझाने की कोशिश की परंतु कावेरी मेरी बात बिल्कुल भी नहीं मानी कावेरी ने तो जैसे जिद पकड़ ली थी कि वह अब अलग रहना चाहती है। मैंने इस बारे में अपने पापा से बात की तो पापा ने मुझे कहा कि देखो बेटा तुम्हें जैसा ठीक लगता है तुम वैसा करो। कावेरी चाहती थी कि अब हम लोग घर से अलग रहे लेकिन मैं इस पक्ष में बिल्कुल भी नहीं था परंतु फिर भी मुझे कावेरी की बात माननी पड़ी। मेरी मां ने भी कहा बेटा अगर कावेरी अलग रहना चाहती है तो मुझे इसमें कोई परेशानी नहीं है।
अब हम लोग किराए के घर में रहने लगे थे कावेरी और मैं साथ में रहा करते लेकिन मेरे और कावेरी के बीच अब वह प्यार नहीं था जो पहले था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर स्थिति कैसे बदलती जा रही है मां और कावेरी के रिश्ते बिल्कुल भी ठीक नहीं थे मैंने कावेरी को बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन कावेरी मेरी बात मानने को बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। कावेरी हमेशा ही मुझसे कहती कि मैं अब उस घर में कभी नहीं जा सकती, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की मुझे आखिर क्या करना चाहिए मैं काफी ज्यादा परेशान भी रहने लगा था। मैंने अपने दोस्तों से भी इस बारे में बात की तो उन्होंने मुझे कहा कि तुम्हें अपने घर पर ही रहना चाहिए मैंने किसी प्रकार से कावेरी को मनाने की कोशिश की तो वह मेरी बात मान गई और अब हम लोग अपने घर वापस लौट चुके थे। मां और कावेरी के रिश्ते तो ठीक नहीं थे लेकिन फिर भी उन दोनों के रिश्ते में अब थोड़ा बहुत सुधार आने लगा था और मुझे इस बात की खुशी थी कि कम से कम कावेरी और मां के बीच अब सब कुछ ठीक होने लगा है। धीरे धीरे हम लोगों के बीच सब कुछ ठीक होने लगा था और अब मैं अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में एक दिन बेंगलुरु गया हुआ था। मैं जब बेंगलुरु पहुंचा तो मैंने कावेरी को फोन किया और कावेरी से मेरी काफी देर तक बात हुई कावेरी से मेरी फोन पर करीब आधे घंटे तक बात हुई उसके बाद मैंने फोन रख दिया। गर्मी काफी ज्यादा हो रही थी इसलिए मैं नहाने के लिए चला गया कुछ ही देर में मैं नहा कर बाहर निकला ही था कि तभी कावेरी का मुझे फोन आया और कावेरी मुझे कहने लगी कि राजेश मुझे आपकी बहुत याद आ रही थी तो सोचा आप से बात कर लूँ।
मैंने कावेरी को कहा कि तुमने ठीक किया जो मुझे फोन कर लिया और फिर हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे। जब दरवाजे की डोर बेल बजी तो मैं दरवाजे पर गया और मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो सामने वेटर खड़ा था मैंने सैंडविच आर्डर किया था। मैंने सैंडविच खाया और उसके बाद मैं थोड़ी देर के लिए सो गया मेरी आंख लग गई और शाम के वक्त मैं उठकर टहलने के लिए चला गया।  अगले दिन मैं अपने ऑफिस के काम से गया और कुछ दिनों तक मैं बेंगलुरु में ही रुका बेंगलुरु में मैं करीब एक हफ्ते तक रुका और उसके बाद मैं वापस लौट आया था। कावेरी भी इस बात से काफी खुश थी की मैं वापस लौट चुका हूँ और उस दिन कावेरी और मैंने साथ में मूवी जाने का फैसला किया। मैं कावेरी को मूवी दिखाने के लिए ले गया हम दोनों ने साथ में मूवी देखी तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लगा और कावेरी को भी काफी अच्छा लगा। उस दिन हम दोनों ने साथ में अच्छा समय बिताया। हम लोगों पर लौट चुके थे और जब हम लोग घर लौटे तो उस रात कावेरी और मेरे बीच सेक्स संबंध बने। हम दोनों ने काफी समय बाद एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे हम दोनों को काफी अच्छा लगा जिस प्रकार से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाए। अगले दिन हमारे घर पर एक महिला आई हुई थी उन्हें मैंने पहली बार ही देखा था। मेरे ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए कावेरी ने मुझे उनसे मिलवाया और कहा यह संजना भाभी है।
संजना भाभी कुछ समय पहले हमारे पड़ोस में रहने के लिए आई थी लेकिन मैं उन्हे पहचानता नहीं था परंतु कावेरी से उनकी काफी अच्छी बातचीत थी। वह अब मुझसे भी बात करने लगी थी मुझे उनसे बात करना काफी अच्छा लग रहा था। अब मेरी बात संजना भाभी से होने लगी थी संजना भाभी का चरित्र कुछ ठीक नहीं था उनके पति अक्सर अपने काम के सिलसिले में बाहर रहते जिससे कि वह मुझ पर लाइन मारा करती। मैं इस बात को अच्छे से समझ चुका था कि वह मुझ पर डोरे डालती हैं लेकिन एक दिन जब मैंने उन्हें छुआ तो उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा। मैं समझ चुका था उनके दिल मे कुछ चल रहा है मैंने उनके साथ सेक्स करने की बात कही तो वह तुरंत मेरी बातों को मान गई और उन्होने कहा कभी आप घर पर आइए। मैं जब उनके घर पर गया तो वह काफी ज्यादा खुशी थी उन्होंने भी तुरंत मेरी पैंट की चैन को खोलते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया। वह मेरे लंड को लेने के लिए तैयार थी। उनके पति घर पर नहीं थे उन्होंने भी अपने मुंह को खोलते हुए मेरे लंड को अपने मुंह में समा लिया और मेरे लंड को वह सकिंग करने लगी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था जब वह मेरे लंड को सकिंग कर रही थी और मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ा रही थी। मैंने उन्हें कहा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है अब मैंने उनके कपड़ों को उतारना शुरू किया। मै उनके बदन से कपडो को उतार चुका था। उनकी चूत से निकलता हुआ पानी भी काफी ज्यादा बढ़ चुका था। मैंने जब उनकी योनि को सहलाना शुरू किया तो उन्हे बहुत ज्यादा मजा आने लगा और मुझे भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मै उनकी गर्मी को बढ़ाए जा रहा था। हम दोनों के अंदर की बढ़ती जा रही थी मैंने उनकी योनि से पानी बाहर निकाल दिया था।
उनकी चूत से पानी बाहर निकल रहा था मैं उनकी चूत को चाटने लगा था। जब मैंने उनकी चूत का रसपान करना शुरू किया तो उन्हें अच्छा लगने लगा। मैंने उनके पैरों को खोलते हुए उनकी योनि के अंदर लंड को घुसा दिया। मेरा लंड उनकी योनि के अंदर जा चुका था मैंने उन्हें कहा मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। उनकी टाइट चूत के अंदर मेरा लंड घुस चुका था और उनकी सिसकारियां मुझे और भी ज्यादा गर्म कर रही थी। मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था जिससे कि मेरा लंड उनकी योनि में प्रवेश हो सके। उन्हे बहुत मजा आ रहा था मैं उन्हें बड़े ही अच्छे तरीके से चोद रहा था और अपनी इच्छा को मैं पूरा कर रहा था। उनकी चूत के अंदर बाहर मेरा लंड बड़ी ही तेजी से होता और उनका शरीर पूरी तरीके से उत्तेजित होता जा रहा था। मैने उनके शरीर को पूरी तरीके से हिलाकर रख दिया।
उन्होंने मेरे लंड को अपनी चूत से बाहर निकाला और अपनी चूतड़ों को मेरी तरफ किया जैसे ही उन्होंने अपनी चूतडो को मेरी तरफ किया तो मैंने भी उन्हें कहा अब मैं आपकी योनि के अंदर अपने लंड को घुसा रहा हूं। मैंने उनकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया मेरा लंड उनकी योनि के अंदर जाते ही वह बहुत जोर से चिल्लाकर मुझे बोली मुझे मजा आ गया। मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था हम दोनों ही जिस प्रकार से सेक्स का मजा ले रहे थे उससे मुझे मज़ा आ रहा था और वह अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाए जा रही थी मुझे अच्छा लगता और उन्हें भी बहुत ज्यादा मजा आता जिस प्रकार से वह मेरे साथ सेक्स का मज़ा ले रही थी। मेरा वीर्य एक समय बाद उनकी योनि में गिरा तो मुझे मजा आ गया और वह बड़ी खुश हो चुकी थी।