भाभी आप आग बुझाना जानती हो
Antarvasna, hindi sex story: मेरा ट्रांसफर पटना हो चुका था मैं जब पटना पहली बार गया तो पटना में मैं किसी को भी नहीं जानता था मैंने पटना में एक छोटा सा घर किराए पर ले लिया औऱ वहीं पर मैं रहने लगा। उस दौरान मेरी मां की तबीयत खराब हो गई और मुझे घर जाना पड़ा मैं जब घर गया तो मेरी मां की तबीयत काफी ज्यादा खराब थी और उनकी देखभाल के लिए मेरी पत्नी और पापा घर पर ही थे। कुछ दिनों तक मैं घर पर ही था और फिर मैं पटना वापस लौट आया था लेकिन अभी भी मुझे यह चिंता सताती रहती थी कि मां की तबीयत कैसी होगी। मैं हर रोज अपनी पत्नी को फोन करता और उससे पूछता कि वह अब ठीक तो है ना, वह मुझे कहती कि मैं मां का ध्यान रख रही हूं।
पटना में रहते हुए मुझे करीब 6 महीने हो चुके थे और इन 6 महीनों में मैं आस-पड़ोस के लोगों को जानने लगा था। एक दिन हमारे मकान मालिक मेरे पास आये वह बड़े ही सज्जन व्यक्ति हैं वह मेरे पास आकर बैठे और मुझे कहने लगे कि गौतम मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी थी। मैंने उन्हें कहा हां कहिये आपको क्या बात करनी थी उन्होंने मुझे कहा कि मेरा बेटा विदेश से लौट रहा है इसलिए मैं चाहता था कि आप अपने लिए कहीं दूसरी जगह घर देख ले। मैंने उन्हें कहा ठीक है मैं अपने लिए दूसरी जगह पर घर देख लूंगा वह मेरे साथ काफी देर तक बैठे रहे और उन्होंने मुझे कहा कि यदि आप चाहे तो मैं आपकी मदद कर सकता हूं। मैंने उन्हें कहा ठीक है यदि आपको भी कहीं पर कोई घर मिल जाता है तो मैं वहां पर घर ले लूंगा। वह मुझे कहने लगे कि ठीक है मैं भी कोशिश करता हूं और दो दिन बाद उन्होंने मुझसे कहा कि हमारे एक परिचित है आप उनके घर पर आप रह सकते हैं और मैंने उनसे बात कर ली है। मैंने उन्हें कहा कि क्या आप मुझे उनके घर आज लेकर जा सकते हैं वह कहने लगे कि क्यों नहीं और हम लोग अब उनके घर पर चले गए।
जब हम लोग उनके घर पर गए तो उनके घर में वह लोग चार सदस्य थे उन्होंने मुझे गोविंद जी से मिलवाया और गोविंद जी की पत्नी लता से भी उन्होंने मुझे मिलवाया उस वक्त वही लोग घर पर थे और गोविंद जी की मां कमरे के अंदर थी। गोविंद जी की एक बेटी है जो कि 8 वर्ष की है वह ट्यूशन पढ़ने के लिए गई हुई थी गोविंद जी ने मुझे जब कमरा दिखाया तो मैंने उन्हें कहा मेरे लिए यह काफी है। वह कमरा काफी बड़ा था और मेरे लिए वह पर्याप्त था मैंने उन्हें कहा कि मैं कल ही आपके यहां पर शिफ्ट कर लेता हूं वह कहने लगे कि ठीक है आप देख लीजिएगा जैसा भी आपको उचित लगेगा। हम काफी देर तक उनके घर पर रहे उसके बाद मैं और संजय जी वापस लौट आए और जब हम लोग वापस लौटे तो उन्होंने मुझे कहा कि गोविंद बहुत ही अच्छे हैं और उनके पिताजी को मैं बहुत ही अच्छे से पहचान था उनके पिताजी भी बहुत सज्जन व्यक्ति थे लेकिन अब उनकी मृत्यु हो चुकी है। मैंने उन्हें कहा अगर मैं वहां सामान शिफ्ट कर लेता हूं तो वह कहने लगे कि गौतम जी मैं आपकी उसमें मदद कर दूंगा। मैंने उन्हें कहा ठीक है आप मेरी मदद कर दीजिएगा उन्होंने मेरा सामान शिफ्ट करने में मदद की मैंने अपना सामान शिफ्ट कर लिया था। जब मैंने सामान शिफ्ट किया तो उसके बाद मैं वहां पर रहने लगा मुझे वहां रहते हुए अभी दो-तीन दिन ही गए थे और उन लोगों के साथ मेरी बहुत अच्छी बातचीत होने लगी थी। गोविंद जी भी अक्सर मुझे मिलते रहते थे लेकिन इसी बीच मुझे कुछ दिनों के लिए घर जाना था और मैंने अपने दफ्तर से छुट्टी ले ली थी। मैं कुछ दिनों के लिए घर चला गया और मैं जब घर गया तो मेरी पत्नी और मां से मिलकर मैं खुश था मैंने मां से कहा मां तुम्हारी तबीयत कैसी है तो मां कहने लगी बेटा पहले से ठीक है। मां का ध्यान मेरे पिताजी और मेरी पत्नी रखते थे मां का इलाज अभी तक चल रहा था और वह अभी भी पूरी तरीके से ठीक नहीं हुई थी। मैंने अपनी मां को कहा मां आप अपना ध्यान रखिए और आपको किसी भी चीज की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है वह मुझे कहने लगे कि बेटा तुम्हारी पत्नी मेरा बहुत ध्यान रखती हैं। मेरी शादी को हुए करीब 3 वर्ष हो चुके हैं और इन 3 वर्षों में मेरी पत्नी ने मेरी मां की बहुत देखभाल की है जिससे कि मेरी मां बहुत खुश रहती हैं मेरी पत्नी से उन्हें कोई भी शिकायत नहीं है।
हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत कम समय बिता पाए क्योंकि मैं कभी अपने घर पर रह ही नहीं पाया मैं इससे पहले लुधियाना में जॉब कर रहा था उसके बाद मेरा ट्रांसफर लुधियाना से पटना हो गया और पटना में अब मैं जॉब कर रहा हूं इसलिए मुझे मेरी पत्नी के साथ समय बिताने का कम ही मौका मिल पाता है। मेरे पिताजी मुझे कहने लगे कि बेटा तुम काफी समय से अपनी बहन से नहीं मिले हो तो तुम अपनी बहन से भी मिल लो मैंने पिताजी से कहा ठीक है मैं कल ही पायल से जाकर मिल लूंगा। हालांकि पायल से सब लोग गुस्सा है लेकिन अब धीरे-धीरे सब भूलने लगे हैं पायल ने अपने पसंद से ही शादी कर ली और उसने इस बारे में किसी को भी कुछ नहीं बताया था। जब इस बारे में हमें पता चला तो सब लोग बहुत दुखी हुए थे लेकिन अब धीरे-धीरे पायल के साथ सब के रिश्ते ठीक होने लगे हैं और मैं भी पायल को मिलने के लिए चला गया। मेरे साथ मेरी पत्नी भी थी और हम लोग उस दिन पायल के घर पर ही रुकने वाले थे मुझे इस बात की खुशी है कि पायल के पति उसका बहुत ध्यान रखते हैं और अब सब लोग इस बात को भूल भी चुके हैं।
हम लोग चाहते थे कि पायल की शादी हम लोग धूमधाम से करें लेकिन पायल ने लव मैरिज कर ली जिससे कि पापा और मम्मी दोनों ही बहुत दुखी थे लेकिन अब धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा है। अब हम लोग अपने घर वापस लौट आए थे और मैं कुछ दिनों तक घर पर ही था मुझे पता ही नहीं चला कि कब मुझे 15 दिन बीत गए और 15 दिनों के बाद मुझे वापस पटना लौटना पड़ा। 15 दिनों बाद जब मैं वापस पटना लौटा तो मेरा मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था मैं अपने कमरे में ही बैठा हुआ था और मैं यही सोच रहा था कि मेरी पत्नी मेरा मां की कितनी देखभाल करती हैं और वहीं पूरे घर को संभाले हुए हैं। मैं पटना लौट चुका था और उसी बीच गोविंद जी अपने काम के सिलसिले में लखनऊ जाने वाले थे। अगले दिन मेरी ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैं घर पर ही था और लता भाभी से मेरी मुलाकात हुई तो मैंने उनसे पूछा कि गोविंद जी कब लौटेंगे। वह कहने लगे कि वह तो अब अगले हफ्ते तक आंएगे। मैं अगले दिन अपने ऑफिस जाने लगा था जब मैं अपने ऑफिस से आ रहा था तो भाभी ने मुझे कहा कि आप हमारे साथ ही आज डिनर कर लीजिए। उन्होंने उस दिन मुझे कहा तो मैंने उनके साथ ही डिनर कर लिया हम लोगों ने साथ में उस दिन डिनर किया लता भाभी को पहली बार मैंने नाइटी में देखा था और वह बड़ी सुंदर लग रही थी। उनके ऊभरे हुए स्तनों को देखकर मैं अपने अंदर की आग को रोक नहीं पाया था और उनकी चूत मारने के लिए मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित बैठा हुआ था। मैंने उन्हें कहा आप बहुत ही ज्यादा सुंदर लगती हैं। मैं उन पर डोरे डालने लगा था और मैं इसमें कामयाब रहा मैंने उन्हें अपने कमरे में बुला लिया जब वह कमरे में आई तो मैंने उनकी जांघों को सहलाना शुरु किया और उनको मैंने अपनी बाहों में ले लिया तो वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी। वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई थी कि वह मेरे लंड को चूत में लेने के लिए तैयार थी मैंने उनके बदन से कपड़े उतारे और उनके कपड़े उतार कर मैंने उनको पेंटी ब्रा में देखा। मैं उनके स्तनों को चूसने लगा उनके स्तनों को जिस प्रकार से मैं चूस रहा था मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। मैंने बहुत देर तक उनके स्तनो का रसपान किया।
मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था और जैसे ही मैंने अपने लंड को बहार निकाला तो लता भाभी ने उसे मुंह के अंदर तक ले लिया और वह मेरे लंड को सकिंग करने लगी। उन्होंने मेरे लंड को बहुत देर तक सकिंग किया मेरे अंदर की गर्मी को उन्होंने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया था कि मैं अपने आपको बिल्कुल रोक ना सका और उन्हें मैं तेज गति से धक्के देने लगा। मेरा लंड उनकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था तो वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा आनंद आ रहा है जिससे मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया। वह कहती तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो मैंने उन्हें बहुत देर तक चोदता रहा लेकिन मैं ज्यादा देर तक उनकी चूत की गर्मी को ना झेल सका मैंने अपने माल को उनके स्तनों पर गिरा दिया।
अब मैंने अपने लंड को दोबारा से उनके मुंह में डाला उन्होंने दोबारा से मेरे लंड को चूसना शुरू किया मैंने उन्हें बिस्तर पर डॉगी स्टाइल पोज में बनाते हुए उनकी चूत पर अपने लंड को सटाना शुरू किया। वह मुझे कहने लगी मुझे ऐसे ही चोदते रहो मुझे बहुत मजा आता है। मैं उन्हें धक्के मार रहा था वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी उनकी चूत के अंदर बाहर जब मै लंड को करता तो उनकी चूत की चिकनाई में भी बढ़ोतरी हो रही थी और वह इतनी ज्यादा उत्तेजित हो गई कि अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी। वह मुझे कहने लगी लगता है मैं अब झड चुकी हूं वह झड़ चुकी थी वह बिस्तर पर लेट चुकी थी। मैं उनकी चूत पर बड़ी तेजी से प्रहार कर रहा था उनकी चूतडो का रंग लाल होने लगा था। थोड़े ही समय बाद मेरा वीर्य उनकी चूत के अंदर गिर चुका था वह बहुत ही ज्यादा खुश थी उसके बाद मेरे और लता भाभी के बीच ना जाने कितनी ही बार सेक्स संबंध बने और हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को शांत किया।