मकान मालकिन और किरायेदार की चुदाई
हेल्लो यार आज मेरा मूड थोडा ठीक नहीं है इसलिए मैं आज आपको कुछ बताना तो चाहता हूँ पर मुझे समझ नहीं आ रहा कहा से शुरू करूँ| मुझे तो आप जानते ही हैं मेरा नाम है छुट्टन बड्डा और मैं आपके सामने हर बार कुछ नया पेश करता हूँ| पर आज पता नहीं मेरा दिमाग किसने घुमा दिया है शायद वो साली मकान मालकिन होगी जिसको देख के मेरा पूरा दिन बर्बाद हो जाता है | साली है ही काली बिल्ली जिसका भी रास्ता काट दे उसके रस्ते लग जाते हैं | मैंने कई बार देखा है अब कल की ही बात लेलो मैं इंटरव्यू देने जा रहा था पुलिस का और मेरा नाम नहीं आया | तो दोस्तों ऐसे लोगों से बचके रहो आप पता नहीं कहाँ आपका बुरा हो जाये | पर मुझे अपना काम तो करना ही है आपको कहानी तो सुनानी ही है इसलिए आपका मज़ा किरकिरा नहीं करूँगा और इस कहानी में आपको पूरा मज़ा दूंगा और आपको यह भी बताऊंगा कि साली मेरी मकान मालकिन दुहिया कितनी बड़ी चुदक्कड़ है और उसके पटरी से वो दिन में कितनी बार चुदती है | कमीनी किराया समय पे चाहिए पर बंदोबस्त के नाम पे कुच्ग नहीं |
इस की माकाचूत इसका पति भी बहुत बड़ा गांडू है मादरचोद | साला जैसे ही ठंड शुरू होती है नहाना बंद कर देता है | और तो और तीन महीने बाद मुझे कहेगा बेटा मेरे बाल सूंघो कही बदबू तो नहीं आ रही | मुझे मजबूरी में सूंघना पड़ता है और मैं उस दिन बेहोशी की हालत में घूमता हूँ | मुझे पता नहीं कितनी सजा और मिलना बाकी है | साला दोनों मियां बीवी लाखो की कमाई करते हैं हर महीने और एक पानी की टंकी नहीं लगा पाए इतने बड़े घर में | एक बेचारा ड्राईवर रहता है नीचे वो स्कूल की बस चलाता है और उसके घर में घुसी रहती है बुढिया और खाने के लिए भी उसी के घर से ले जाती है | अब आप बताओ इतनी कंजूसी ठीक है क्या | अब वो बेचारा कुछ बोल नहीं पाता क्यूंकि उसको दूध मिल जाता है फ्री का इसके घर से | पर मैं तो मुह पे बोलने वालों से हूँ क्यूंकि मुझे अगर कुछ गलत लगता है तो मैं उसे बर्दास्त नहीं कर पाता और उसके लिए कुछ भी कर सकता हूँ | तो दोस्तों ये तो हुयी बात मेरी अब बात होगी मेरी कहानी की | क्यूंकि अब मेरे बर्दाश्त करने की हद ख़तम हो चुकी है | अबमैं सीधा कहानी पे आता हूँ और आपको बताता हूँ कि आखिर हुआ क्या |
तो पहले बात करता हूँ मकान मालकिन की जो की चुदक्कड़ बुढिया है | गर्मी का समय था शायद माय का महीना था और उत्तर भारत में आप जानते हैं न कितनी गर्मी पड़ती है | अब मैं तो छत पे ही सो जाता था क्यूंकि मुझे बाहर सोना अच्छा लगता है और हवा भी लगती रहती है | पर उसके बाद मैंने सोचा क्यूँ न एक दिन मैं छत पर ही दारु पियून और मुर्गा खाऊ | वो घर पंडितों का है और मुझे तो सब खंडित करना ही आता है | अब मैं लाया एक पेटी बियर वो भी बिलकुल ठंडी और उसको रख लिया अपने पास बक्से में बर्फ डालके | मुझे लगा कि मैं सुबह तक पियूँगा तो मुझे एक पेटी और लानी चाहिए | इसलिए मैं जल्दी गया क्यूंकि दस बजने वाले थे और दूकान तब तक बंद हो जाती है | इसलिए मैं भागके गया और एक पेटी बियर और ले आया | अब मेरे पास दो किलो तंदूरी मुर्गा बियर और चखना सब कुछ था |
मैं आराम से छत पे बैठा और दारु पीने लगा और दो बूतले ख़तम ही हुयी थी कि वो ड्राईवर आ गया | वो मुझे बहुत मानता है इसलिए मैंने कहा आओ रामदास | वो मेरे बगल में बैठा और कहा भैया दारु पी रहे हैं हमने कहा ना इसको दारु न कहो ये बुरा मान जाएगी ये सोमरस है | इसको बियर कहो और इससे इश्क करो जनाब | फिर उसने कहा भैया आपको किसीने देख लिया तो दिक्कत हो जाएगी अन्दर जाके पीलो | मैंने कहा अरे मेरे भाई दारु अन्दर और डर बाहर | फिर मैंने कहा ले तू भी अपना डर निकाल बाहर | मैंने उसको एक बियर की बोतल पकड़ा दी और कहा ये मुर्गा है और ये चखना है जो खाना है खालो | उसने मुर्गे की एक टांग उठायी और कहा चलिए अब इसके साट पीते हैं | फिर हम लोग उस मकान मालकिन की बात करने लगे और उसने दो बोतल ख़त्म कर दी और मैंने चार | मुझे चढ़ गयी थी और उसको भी | उसने कहा भैया ये साला मकान मालिक हमको देख रहा है क्या | मैंने कहा देख लेने दे इसकी माकाचूत क्या उखाड़ लेगा अपना |
फिर हमलोगों ने बातें शुरू की और उसने मुझसे पुछा भैया ये नीचे वाली आपसे चुदती है न | मैंने कहा तुझे कैसे पता | तब उसने कहा भैया मुझे आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः की आवाज़े आती है | मैंने कहा नहीं मैंने उसको बस दो बार चोदा है बाकी तो उसका पटरी उसको रगड़ता रहता है | उसने कहा अच्छा पर आप उसको कैसे पटा लिए चोदने के लिए | मैंने कहा भाई मेरे मुझे उसको पटाने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी | बस उसके बेवडे पति को सहारा दिया और बंदी अपनी बाहों में | उसने कहा सच में अगर उस को हम सहारा देंगे तो हमसे भी चुदवा लेगी | मैंने कहा तू बियर पे ध्यान लगा और मुर्गा खा | अब उसकी 5 बोतल हो गयी थी और मेरी 8 और हम दोनों को मस्त नशा चढ़ चूका था | हमको पता था मकान मालिक ने हमको देख लिया है पर वो मादरचोद बस फ्री के बियर लेने आ गया मेरे पास और मैंने भी एक बोतल देके उसको भगा दिया | अब हम बात कर रहे थे नीचे वाली की चोट की और मैं रामदास को बता रहा था देख भाई उसकी चूत फट गयी है पर उसमे माल बहुत बनता है |
उसने कहा आप ने उसकी चूत चाटी है मैंने कहा हाँ चाटी है न पर साली चिल्लाती बहुत है | उसने कहा अच्छा जब आप उसकी चूत को चाटने लगते थे तब वो आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करती थी | उतने में मुझे एक बहुत जोर की की आवाज़ आई | “ए कुत्ता हमरी चूत फाड़ दे रे” आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः इतना सुनते ही मेरे हाथ से बियर की बोतल गिर गयी और रामदास भी चौंक गया | मैंने सोचा ये क्या हो गया | फिरमेरा नशा थोडा कम हुआ और मैंने गौर से देखा तो साली मकान मालकिन चुद रही थी | वो साली खूब जोर से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहःआआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः करनेलगी थी | अब मुझे थोडा सा जोश चढ़ा और मैंने गौर से देखा तो वो साली उसके लंड पे बैठ के खुले छत में आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी | सब देख रहे थे पर वो तो बेशरम थी | मुझे जोस्घ चड़ने लगा और मैंने भी नीचे वाली को बुलाया छत पे और कहा कल रे मेरा लंड चूस और मुझे मुठ मरवा | मैं नशे में था तो मेरा लंड खड़ा होने में टाइम ले रहा था | वो मुझे बड़े अच्छे से चूस रही थी और मैंआआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रहा था | मुझे मज़ा आने लगा और मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा | मुझे इतना जोश चढ़ गया कि मैंने उसके मुह में ही अपने मुठ की धार मार दी और उससे कहा चल आज तुझे फिर से चोदुंगा | वो तो साली मुझसे चुदने के लिए हमेशा तैयार रहती थी | उसने तुरंत अपनी साड़ी ऊपर की और ब्लाउज खोल दूध मेरे मुह से लगा दिए |
मैं उसके निप्लोए काट रहा था और उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था और वो भी जोर जोर से आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः कर रही थी| मैं उसे अन्दर ले गया और अपनी बियर भी | अब मेरे एक हाथ में बियर और एक हाथ से दूध दबा रहा था और लंड से उसकी चूत पेल रहा था | नशा मुझे था इसलिए मैंने उसे एक घंटा चोदा और उसके बाद माल उसकी चूत के अन्दर गिरा दिया | वो भी चली गयी और फिर मैंने उसको रात में बुला के चोदा और जब तक बियर ख़त्म नहीं हुयी तब तक चोदता रहा |