दिवाली के दिन चुदाई का बम
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हेल्लो भड़वों कैसे हो तुमाहरी माँ का चूत | मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता जब मैं किसी को गाली देता हूँ क्यूंकि मुझे ऐसा करने बहुत अच्छा लगता है | अगर किसी को दिक्कत है तो वो अपनी गांड उठा के यहाँ से जा सकता है | मुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं है | देखो मेरा नाम है परतूस और मैं फत्ती के खेत के पास निर्मला ब्लाक में रहता हूँ | मेरा एरिया बदनाम है क्यूंकि यहाँ सब मेरे जैसे ही हैं | यहाँ पे 24 घंटे दारु गांजा चिलम और कई धंदे होते रहते हैं और सबकी गांड फटती है यहाँ आने में | मैंने भी कई बार गांड तोड़ी है पुलिस वालों कि मादरचोद जब पैसा टाइम पे मिल जाता है तो अपनी अम्मा चुदवाने क्यों आ जाते हो बार बार | वो लोग भी अब यहाँ से दूर रहते हैं | पर मैं एक बात गर्व से कहता हूँ जितने भी नपुंसक ये बात सुन रहे हैं अपने कान और अपनी गांड दोनों को खोल लो क्यूंकि मिर्ची लग सकती है | अभी न्यूज़ में हर जगह रेप के बारे में दिखा रहे हैं और जनता बस आरक्षण के नाम पे अणि मैय्या चुदवा रही है |
बहनचोद जिसको आरक्षण की ज़रूरत है उसके लिए कोई कुछ नहीं करेगा | मादरचोदों सुधर जाओ ऐसा ही लड़ते रहे तो गुलाम बन जाओगे | तू चमार मैं भंगी में राजपूत तुमाहरी माँ का भोसड़ा इंसान नहीं हो तुम | बस जात जानते हो पर मेरा एरिया सर इंसानों का है और हम सब भले ह गन्दा काम करते है पर अगर किसी लड़की को दिक्कत हो जाए या कोई लड़की भागती हुई हमारे एरिया में आ जाए और मदद मांगले तो सालों एक एक बच्चा तलवार लेके खड़ा हो जाता है उसको बचाने के लिए सूअर की औलाद साले | रेप कि बात करेंगे दंगे करेंगे मतलबी मादरचोद चूतिया जनता | ऐसी तेरीफ सुनके तो तुमाहरी माँ की कोक को शर्म आ गयी हो गयी कि कैसी नामर्द औलाद को जन्म दे दिया | बहनचोद अभी भी समय है सुधर जाओ नहीं तो कल तुमाहरी बहु या बेटी इसका शिकार बनेगी तब अपना लंड पकड़ के बैठे रह जाओगे | खैर कोई बात नहीं आज नहीं तो कल जब खुद पे गुजरेगी तो समझ आ ही जाएगा | मुझे भी इस बात से कोई दिक्कत नहीं क्यूंकि सबका टाइम आता है और कभी न कभी दिमाग पे असर ज़रूर पड़ता है |
चलो अब सब समझ ही गए होगे मैं यहाँ बकवास कर रहा था पर ये सच है | जो भी मैंने मैंने कहा वो सच है समझे | तो अब मैं शुरू करता हूँ अपनी कहानी जो बिलकुल सच्ची है | मुझे ऐसा बिलकुल भी पता नहीं था कि यहाँ पर चुदाई की कहानी लोग पढने आते हैं | चलो कोई बात नहीं आज थोडा अच्छा ज्ञान मिल गया तो कहानी शुरू करने से पहले ये जानलो कि मैं एक अनाथ लड़का हूँ और मेरा आगे पीछे कोई नहीं है | अपने एरिया का मैं सबसे बड़ा गुंडा हूँ मैं फटे पुराने घर में रहता हूँ और मुझे किसी चेज़ का शौक नहीं है बस दारु पीने का है | मैं लोगों से हफ्ता लेना शुर कर दिया और उसके बाद मेरी जिनगी में कुछ ख़ास करने के लिए बचा नहीं था | मैंने हमेशा से सोचा है कि मैं किसी को बेवजह परेशान ना करूँ और मैं करता भी यही हूँ हमेशा | खैर मेरी बात बहुत हो गयी और काम के बारे में भी बता दिया | तो अब मैं बताने वाला हूँ एक लड़की के बारे में जो मुझे खूब लाइन देती थी और मुझे उसके बारे में सोचने की फुर्सत नहीं थी | मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि मुझे प्यार व्यार जैसी चीज़ में पड़ना नहीं था |
मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता था कि वो मेरे लिया इतना सब कर रही है और मैंने उसको बहुत समझाने की कोशिश की | पर वो थी मानने का नाम नहीं ले रही थी | मैंने उसे एक बार सबके सामने डांट दिया क्यूंकि मैं उससे उम्र में बड़ा था और उसके माँ बाप से भी बताया पर वो भी नहीं मान रहे थे इसलिए मैंने उसे एक थप्पड़ मार दिया | उसके बाद वो कुछ दिन तक शांत रही पर उसके बाद उसका नाटक फिर से शुरू हो गया और वही प्यार के चक्कर में वो घूमने लगी | एक बार कि बात है वो मेरे पास आई और उस मैंने खूब पी रखी थी | मैंने उससे कहा देख मेरे पास मत आ मुझे आज नशा बहुत तेज़ है अगर कुछ गलत काम हो गया तो तुझे लेने के देने पड़ जाएंगे | वो नहीं मानी और उसने कुछ भी नहीं किया और मेरे पास आकर बैठ गयी और मुझे समझाने लगी और ना जाने क्यूँ आज उसकी बातें मुझ पर असर कर रहीं थी |
मैंने उसकी बात गौर से सुना और उसके बाद मैं सोने चला गया | अगले दिन दिवाली थी इसलिए मैंने उस दिन पीने के बारे में नहीं सोचा पर साला मन है कि मानता नहीं | इसलिए मैंने सोचा चलो पी ही लेता हूँ और उसके बाद जैसे मैंने एक बोतल पी तो मुझे अच्छा सा लगने लगा | उसके बाद मैं अपने घर गया और मैंने देखा मेरा घर दीपों से जगमगा रहा था | मुझे पहले तो गुस्सा आया पर जैसे ही वो लड़की आई अपने हाथ में पूजा की थाली लेकर मेरा मन पिघल गया | मैंने कहा ये क्या कर रही हो तुम | तो उसने कहा हर घर में आज पूजा होती है और ये भी मेरा ही घर है तो मैं यहाँ पूजा करुँगी | मैंने कहा पर ये तो मेरा घर है | उसने कहा मैं तुम्हे अपना पति मानती हूँ इसलिए ये मेरा भी उतना ही है जितना तुमाहरा है | उसके बाद मैंने सोचा चलो इसी की वजह से सही पर मेरे घर में उजाला तो हुआ और मेरा सारा नशा उतर चुका था इसलिए मैंने आचे से उसका पूजा में साथ दिया | उसने कहा तुम इतने बुरे नहीं हो जितना बनते हो |
फिर एक दिन मोहल्ले में किसी की शादी थी तो सब को बुलाया था और मुझे भी पर मुझे काम था इसलिए जा नहीं पाया | मैंने उस लड़की से कहा सुनो घर में खाना हो तो देदो मैं शादी में नहीं जा पाउँगा | उसने कहा मैं भी काम कर रहीं हूँ तुम घर आ जाओ और मैं खाना निकल के दे दूंगी | मैंने कहा ठीक है आता हूँ | मैं जैसे ही उसके घर गया तो उसने मुझे बाहों में भर लिया और मुझे चूमने लगी | उसके बाद मैंने भी उसको चूमना चालु कर दिया | वो मुझे सीने पर और मेरे होंठों को चूम रही थो और मैं उसके दूध दबाते हुए उसको चूम रहा था | कुछ देर ऐसा करने के बाद हम दोनों डिस्टर पर लेट गए और एक दुसरे को सहलाने लगे | उसके बाद मैंने उसके कुरते को उतार दिया और उसने ब्रा नहीं पहना था तो मैं उसके दूध कस के दबाने लगा और वो मेरे लंड को मसलने लगी | मैंने उसे दूध पे अपना मुंह लगाया और चूसने लगा उसके निप्पल्स | उसके निप्पल्स अच्छे मोटे मोटे थे चूसने में मज़ा आ रहा था |
जैसे ही वो गरम होने लगी तो उसके मुंह से अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ निकलने लगी || मुझे पता चल गया अब इसकी चूत गीली हो गयी है तो मैंने तुरंत अपने कपडे उतार दिए और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा | वो जोर जोर से अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ करने लगी और उसके बाद उसने मेरे लंड को पकड़ा और हिलाने लगी | मैंने उससे कहा सुनो मेरा लंड चूस लो तो उसने झट से मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी | वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे ऊपर कि चमड़ी फाड़ देगी पर मुझे मज़ा आ रहा था | मैं भी अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ करते हुए उसका साथ दे रहा था | करीब 15 मिनट बाद मैंने अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ करते हुए अपना मुट्ठ उसके मुंह में भर दिया | उसने मेरे माल को पी लिया |
मेरा लंड तब भी खड़ा ही था तो मैंने तुरंत उसको लेटाया और उसकी चूत में हलके हलके अपना लंड घुसाने लगा तो वो चिल्लाने लगी | उसके बाद मैंने जैसे ही पूरा लंड अन्दर किया तो वो कहने लगी निकालो पर मैंने उसकी बात नहीं मानी और धीरे धीरे चोदने लगा | उसके बाद मैंने उसको जम के चोदना शुरू किया तो वो अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ अहह अह्ह्ह अहहहा अआ आह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्हह आआआआअ करते हुए चुदवाने लगी | मैंने उसकी चूत को फैला दिया चोद चोद के और अब वो मुझसे रोज़ा चुद्वाती है |